शुक्रवार, 7 जून 2024

Inquilab article and its translation

 

                                                        

ज़हनी  कैसे हासिल होगा  

खुद के अंदर झांके 

बर्नाड श का क़ौल है  हम खेलना इस लिए नहीं बंद करते के हम बूढ़े हो रहे है बल्कि हम पर बुढ़ापा इस लिए छा जाता है हम ने खेलना छोड़ दिया। ज़िन्दगी के हर शोबे (department )हम ने यही रव्वैया अपनाया है। हम ने जीना छोड़ दिया है ,नमाज़ ,ज़िक्रे इलाही और दूसरों की मदद करने के जज़्बे से खाली होते जा रहे है। बुज़र्गों की तरह सादगी से ज़िन्दगी गुज़ारियें इंशाल्लाह ज़हनी सुकून हासिल होंगा। 

शगुफ्ता रागिब अहमद 

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