मंगलवार, 11 जून 2024

सुनी हिक़ायते हस्ती तो दरमियान से सुनी

.                                                               Nawapur felicitation

                                                      सुनी हिक़ायते हस्ती तो दरमियान से सुनी 

         10th जून २०२४ के इक़रा खानदेश फाउंडेशन तक़सीमे इनामात प्रोग्राम की रूदाद आप सब ने पढ़ ली थी। हर प्रोग्राम की कामयाबी के पीछे बे हद मेहनत और लगन की ज़रूरत होती है। इक़रा खानदेश फाउंडेशन के सदर (president ) सलाहुद्दीन नूरी साहब की रहनुमाई ,जिन की क़ायदाना (leading ) सलाहियतों (Qualities ) का   हमें ऐतराफ़ है  ,जनाब सेक्रेटरी रिज़वान जहागिरदार की अनथक कोशिश 10th और 12th के रिजल्ट डिक्लेअर होजाने के दो हफ़्तों के अंदर रिश्तेदारों के स्टूडेंट्स के रिजल्ट जमा करना toppers बच्चों का सिलेक्शन , इनाम की ट्रॉफी बनाना जुये शीर (दूध की नहर ) निकालने से कम नहीं। फिर इन सब बातों के लिए पैसों का इंतेज़ाम करना माशाल्लाह दिल से दुआ निकल पड़ती है। इक़रा खानदेश खानदेश फाउंडेशन की बाग़ डोर बेहतरीन  शख्सियात के हाथों में हैं।  

       ५ रिश्तेदारों के Toppers स्टूडेंट्स को 10th जून २०२४ इतवार के दिन कल्याण में ,हाजी आसिफ के घर प्रोग्राम के दौरान इनाम तक़सीम किये जा चुके थे। नवापुर की 10th क्लास की स्टूडेंट्स (92 %) क़ाज़ी ज़ेबा रिज़वान को नवापुर में उसके घर जा कर ट्रॉफी ,कॅश प्राइज ,शॉल और राजस्थानी हार दे कर इस बच्ची को नवाज़ा गया इज़्ज़त अफ़ज़ाई की गयी । इक़रा खानदेश के कमिटी मेंबर जनाब परवेज़ सैयद  ,नंदुरबार से तशरीफ़ लाये इसरार सैयद  (educationist ) अपनी बेइंतेहा मसरूफियत के बावजूद पप्रोग्राम  में शरीक हुए। जनाब तबरेज़ सैय्यद ,जनाब इरफ़ान सय्यद ने भी इस प्रोग्राम को रौनक़ बख्सी।क़ाज़ी ज़ेबा रिज़वान  को NEET इम्तेहान की तैयारी के लिए मुफीद मश्वरे से नवाज़ा गया। रिश्तेदारों में आयी तालीम के उन्वान पर बेदारी देख कर तबियत खुश होगयी। माशाल्लाह हमारे रिश्तेदारों में ज़हीन बच्चों की कमी नहीं और अब हर शहर हर क़स्बे में इन्हे मदद ,Guidance ,माली इमदाद के लिए इक़रा खानदेश जैसे इदारे मौजूद हैं। रिश्तेदारी में डॉ वासिफ अहमद,एडवोकेट रज़ीउद्दीन ,नियज़ मखदूम अली फॅमिली , जनाब कमर शैख़ ,रागिब अहमद जहागिरदार,प्रोफेसर सैयद वकील ,क़ाज़ी नवेद ,शकिलोद्दिन सर ,उजेर (MBA ) ,नाचीज़ रागिब अहमद शेख जैसे बाशऊर अफ़राद अपनी रहनुमाई के लिए मौजूद हैं। 

        तालीम के उन्वान पर बेदारी के बाद अब बच्चे ,बच्चियों के रिश्तों के ताल्लुक़ से भी बात आगे बढ़नी चाहिए,जो आज के के दौर का एक सुलगता मौज़ू /मसला है। जनाब ज़की सैयद (मुन्ना ) नवापुर जो इस वक़्त हज की मुकदस फ़रीज़े में मसरूफ है माशाल्लाह अपनी खिदमात देना चाहते हैं ,  इंशाल्लाह उनसे मदद ली जासकती है। 

           आप सब रिश्तेदारों से आजिज़ाना गुज़ारिश है आप भी अपने मुफीद मश्वरों से नवाज़े, किस तरह रिश्तेदारों में बेदारी के उन्वान पर काम बढ़ाया जा सकता हैं। 

दास्तानें ग़मे दुनिया तवील थी कह दी 

दास्तानें ग़मे दिल मुख़्तसर है क्या कहिये 

      


          

 


      


    

1 टिप्पणी:

  1. माशाअल्लाह शानदार प्रोग्राम हुवा, और बहोत शानदार तरीके से आपने लिखा, लगता है बस पढ़ते ही जाए, खास कर उर्दू आसानी से समझ ने के लिए bracket में English में तरजुमा कर देना ......

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