गुरुवार, 30 नवंबर 2023

khushbu jaise log mile

                                                                       खुशबु जैसे लोग मिले 

खुशबु जैसे लोग मिले कॉलम में आज जिस शख्सियत को मातार्रिफ़ किया जा रहा है वो किसी तार्रुफ़ की मोहताज नहीं। हमारी जनरेशन ने उन से जीने का सलीका सीखा है। 

अल्हाज नईमुद्दीन अलीमुद्दीन शेख़  (नासिक ) के हालते ज़िन्दगी पर सरसरी नज़र डालने की कोशिश की हूँ। कहा जाता है "जो बात दिल से निकलती है असर रखती है "। किस हद तक कामयाब हुवा हूँ अल्लाह बेहतर जनता है। पड़ने वालों की राय का इंतज़ार है। 

रागिब अहमद शैख़ 

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