शनिवार, 24 जून 2017

speech on the ocassion of iftar

सलाम ,नमस्ते ,सत सीरी अकाल , good evening
गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है।
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है।
मुबारक हो आप को रमज़ान  का महीना।
हम ने दिल से ये पैग़ाम भेजा है।
रोज़ा ,फास्टिंग  ,उपवास्  हर धर्म में अलग अलग नाम से जाना है।
क्रिस्तान बंधुओं में ४० दिन लेंट  में फास्टिंग करने का  कारण क्राइस्ट के बलिदान को समझना।
जीव्स  में याम किप्पर में फास्टिंग  ,गुनाहों से माफी।
जैन धर्म की नीव  ही उपास है। जब कोई ग़लती होगयी माफ़ी के लिए उपवास्  कर लिया।
बौद्ध धर्म में भी आत्मा शुद्धिकरण के लिए उपवास किये जातें हैं।
हिन्दू धर्म में हफ्ते में एक दो दफा सेल्फ कन्ट्रोल के लिए उपवास रखा जाता है ।
        रमज़ान में भी ,मुस्लिम भाइयों में २९ या ३० दिन के लिए तक़वा (अल्लाह का डर ) बढ़ाने  के लिए रोज़ा  रखा जाता है। दिन भर भूका रह कर ग़रीबों की भूक तकलीफ समझ सके। रमज़ान में कमाई  का ढ़ाई प्रतिशद मालदारों को ग़रीबों को देना होता है। ज़कात का मतलब अपने पैसे को पाक साफ़ करना ,अपने दिल को माल की मोहब्बत से दूर करना।
रमजान रोज़ा का एक और कारण है  ,ऊपर वाले को खुश करना ।
        इफ्तार के इस प्रोग्राम में  हमारा स्टेज मानो चाँद सितारों से सजा आकाश । सामने बैठे हुवे लोगों में भी समाज की बड़ी बड़ी हस्तियां बिराजे  हैं। आप सब का शुक्रिया ,धन्यवाद  प्रोग्राम को कामयाब बनाने के लिए।
ईद के लिए आप सब को शुभ कामनाएं।
आखिर में दुआ है।
चाँद से रोशन हो रमज़ान तुम्हारा।
इबादत से भरा हो रोज़ा तुम्हारा।
हर रोज़ा और नमाज़ कबूल हो तुम्हारी।
यही अल्लाह से दुआ है हमारी।

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