रविवार, 8 मार्च 2015

Jhooti azmat


२ साल पहले   उमरा जाने का इत्तेफ़ाक़ हुवा था  उमरा पूरा करने के बाद एक पाकिस्तानी ड्राइवर अली से मुलाक़ात हुई। उस ने बताया के कस्वा काबा मक्का में एक मुक़ाम है जहाँ सऊदी हुकूमत ने हरमैन (मक्का,मदीनः ) से निकली पुरानी चीज़ों का museum बना रखा है। काबे से निकला १०० साल पुराना दरवाज़ा जिसे लाखों लोगों ने अक़ीदत से चूमा होंगा। काबे से निकली पुरानी कंदील ,पुराना मुक़ाम इब्राहिम ,हिजरे अस्वद का खौल। वग़ैरा इन चीज़ों की अज़मत ,अक़ीदत इस वजह से थी के वह काबे पर लगी थीं। लेकिन अब वह म्यूजियम का हिस्सा बन गई है तो अब उन की वह अहमियत नहीं रही। अल्लाह का घर मक्का में है जिसे हज़रात इब्राहिम अ स ने अल्लाह की निशान दही पर इसे वहां तामीर किया था।  अब्राहा ने उसे मिस्मार करना चाहा न कर सका। दौर जहालत में किसी दुसरे मुक़ाम पर काबा बनाया गया उसे वह क़बूलियत न मिल पायी।  अल्हम्दोलीलाः  क़यामत तक काबे की अज़मत बाकि रहेंगी यह अल्लाह का वादा है इसी लिए एक नमाज़ हरमैन में अदा करने  का सवाब आम मस्जिदों के मुकाबले में लाखों गुना अजर है।  इसी तरह मस्जिदे नबवी में आप रसूल स.अ.स की इस्राहत  फरमाने की वजह से इस की शान है।
    हिन्दुस्तान में अजीब तरह से चीज़ों की अहमियत बढ़ायी जाती है। बचपन का ,जल गाव शहर  का ,एक वाक़ेआ ज़हन में ताज़ा होगया। ख्वाजा अजमेरी की क़ब्र से एक ईंट छूकर लायी गयी और कब्र बना कर उस पर आस्ताना बनाया गया। अक़ीदतमंदों की भीड़ जमा होने लगी। हर साल धूम से उर्स होने लगा। लोग वहां मुरादें मांगने लगे ,मुरादें पूरी होने पर चढ़ावे चढ़ने लगे। बक़ायदा मुजावर मुक़र्रर होगये। फूल शीरनी की दुकानें खुल गयी। उस मुक़ाम को लोग ख़्वाजा मियां के नाम से जानते हैं। आस पास बस्ती बनी उसे भी ख्वाजा मियां नगरी के नाम से जाना जाने लगा। आज भीं वह मज़ार अपनी जगह क़ायम है बल्कि और भी शानदार बन गया है। 
   इसी तरह महाबलेश्वर में एक मज़ार है। पुराना मज़ार जहाँ था वहां dam बन गया है। मुनिसिपल्टी ने मज़ार के लिए नयी जगह दी तो मज़ार वहां shift कर दिया गया लेकिन कब्र वली से खाली है।  फिर भी लोग अक़ीदत से मज़ार पर आते हैं बाक़ायद उर्स मनाया जाता है। 
  नंदुरबार में इमाम बाशा मियां की दरगाह को कुछ साल पहले नुकसान पूहचाया गया ,इत्तिफ़ाक़ से जिन लोगों ने नुकसान  पुह्चाया था दो की हार्ट अटैक से मौत होगयी। हज का ज़माना था। लोगों ने वहां मशहूर कर दिया साहेब कब्र हज को गए हुवे है वरना सब  तबाह होजाते। 

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