हम्द बारी तआला
ज़बाने नाक़िस से क्या बयां हो खुदाये बरतर कमाल तेरा
निग़ाह व दिल में समां रहा है जलाल तेरा जमाल तेरा
तेरे ही एक लफ्ज़ कुन के सदक़े में बन गयी क़ायनात सारी
अज़ल से यौमे अलनशुर की शाम तक है तेरा ही फैज़ जारी
हसीन तर है, अज़ीम तर है , ये रुतबै लाज़वाल तेरा
हयात तुझ से ,ममात तुझ से ,हक़ीक़ते क़ायनात तुझ से
तमाम समतो की बात तुझ से ,फ़सनाये शश जहात तुझ से
हुकूमते ग़र्ब व शरक़ तेरी ,,जुनुब तेरा ,शुमाल तेरा
नाक़िस : जिस की कोई क़ीमत नहीं
कुन : होजा
अज़ल : दुनिया दुनिया जिस दिन बनि
ममात : मौत
समत :दिशा
शश जहात : 6 दिशा
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