मंगलवार, 24 नवंबर 2020

नयी उमर की नयी फ़सल


                                                      सफ़वान बशीर सैय्यद 



सफ़वान बशीर सय्यैद

 वालिद का नाम : बशीर लतीफुद्दीन सैय्यद , वालिदा का नाम : नसरीन सय्यैद 
Qualification  : B.SC  (IT ) , MBA (IT) 
मंज़िल की हो तलाश तो दामन जूनून का थाम 
राहों के रंग देख न तलवों के खार देख 
नामों का असर इंसान की शख्सियत पर ज़रूर नुमाया होता है । इस लिए कहा जाता है बच्चों के नाम सोच समझ कर रखने चाहिए। सफ़वान का मतलब होता है चट्टान ,रोशन दिन। फिर ऐसे घर में पैदा हुवा जहां माँ ,बाप दोनों सैय्यद (नजीब उल तरफ़ैन ) ,दादा लतीफुद्दीन सैय्यद एक्साइज शोबे से मुंसलक थे , हादिसे में उनका सीधा हाथ कट चूका था ,दाएं हाथ से लिखना सीखा ,पिस्तौल चलाना सीखा ,तर्रकी कर डिप्टी सुरिंटेंडेंट पोस्ट तक तर्रकी की। वही जूनून , वही दीवानगी मंज़िल को पाने की जुस्तजू सफ़वान को दादा विरसे में अता कर गए। सफ़वान के नाना मरहूम शरीफुद्दीन सय्यद भी उससे बेइंतहा मोहब्बत करते थे , मरहूम की नसीहतें ,रहबरी सफ़वान के लिए मश अले राह साबित हुयी। 
मेहनत से वो तक़दीर बना लेते है अपनी 
विरसे में जिन्हे कोई खज़ाना नहीं मिलता 
सफ़वान ने प्राइमरी  एजुकेशन धुले की मारूफ सेंट ज़ेवियर स्कूल से मुक्कमिल किया  और सेकेंडरी एजुकेशन कनोसा कान्वेंट स्कूल  धुले से। खेल कूद का भी शौक रहा था। क्रिकेट का बेहतरीन आल राउंडर  ,जिम बॉडी बिल्डिंग  का शौक़ ,ज़हानत अल्लाह ने कूट कूट कर भरी थी ,बग़ैर ट्यूशन के तमाम पढ़ाई पूरी की। धुले के SSSVPS कॉलेज से B.SC कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की।
DR. APJ ABDUL KALAM का क़ौल  है , "Dream is not which you see while sleeping it is something that does not let your sleep " ख्वाब वो नहीं जो सोते में देखे जाये , बल्कि ख्वाब वो है जो  सोने न दे, जब तक उन की ताबीर हक़ीकत का रूप न धार ले। सफ़वान ने डिग्री अपनी मंज़िल नहीं समझ ली। हैदराबाद जा कर कोर्सेस किये। Tech Mahindra में अपनी काबिलियत, इंग्लिश की महारत पर जॉब मिलाया। तबियत में कुछ करने का जज़्बा था।  पूना की मारूफ ,अंजुमन  खैरुल इस्लाम पूना इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट में MBA (IT) admission मिलाया  ,साथ साथ शिफ्ट ड्यूटी ,रमजान के रोज़े भी रखे , लॉक डाउन में मस्जिद में रह कर मौज़िन की ड्यूटी भी निभाई ,इसी शर्त पर उसे मस्जिद में रहने की परमिशन मिली थी। माशाल्लाह इतने मराहिल परेशानियों  के बाद  A + ग्रेड में MBA की डिग्री मिलाना ,  सफ़वान ने एक  मिसाल कायम कर दी। खुदा करे के ये  दीवानगी ये जूनून हमेशा  बाकि रहे ,राह  की मुश्किलों को पैरों तले रौंदने का जज़्बा इसी तरह सलामत रहे।अल्लाह  से दुआ है कौम में ऐसे ही हर नौजवान को जज़्बा अता हो। सफ़वान के रौशन मुस्तक़बिल के लिए नेक ख्वाहिशात ,दिल से दुआ है  के कामयाबी हर क़दम पर उसके क़दम चूमे ,आमीन सुम्मा आमीन। 
डॉक्टर अल्लामा  इक़बाल ने ऎसे ही ख़ूबरू ,पाकबाज़ नौजवनों के लिये दुआ मांगी थी के ,
हया नहीं है ज़माने की आँख में बाकी 
खुदा करे के जवानी तेरी रही बे दाग़ 
 


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