मोहम फ़िदा हुसैन जीने लो माधुरी फ़िदा हुसैन के ने नाम से भी जानए जाते हे मश्ह्हूर आर्टिस्ट पेंटर दुनिया भर में जाने जाते हे उनकी घोड़ों की तस्वीर करोड़ों रुपयें में बिकती हे उन के बनाये फ़िल्मी पोस्टर आर्त जमा करने वालो के लिये अह्मियात रखते हे जब्के बह्त्रॆन नसल का घोडा लाखोन मेन मिल जाता हे लेकिन फिर येह हुअ के उन कि भारत माता कि बनाई बर्हनअ तस्वीर ने कूच लोगो को नाराज कर दिया अहमदाबाद मी उनके स्तुदिओ को तोड दि गया उनके खिलाफ सुप्रिम कोर्ट मी कएस दाखल किया गया उन्हे देश बदर होओन नए पर मजबूर होना हुवा
अफसोस इन्सान कि हर ख्वाहिश जिन्दगी मे पूरी नही होती हुस्सैन साहब भी सआरी दौलत दे कर सिर्फ एक बार वतन आना चाह्ते थे और ये तमन्ना उन के दिल मे रह गई
दो गज ज़मिन भी न मिलि कूये यार मे
प्फिर वोह बंजारों कि तरह देश विदेश भत्के फिरे कभी लंदन तो कभी पेरिस बहुत वर्ष वोह दुबीय मे रहे दोहा कतार के शेइख उन पर मह्रबन हुए और उनेह वहाँ कि नश्नालिटी मिल गई हुस्सैन साहब को अफसोस रहअ के उनेह गालिब कि तरह जिन्दगी मे कदर नहीं कि गई उनेह बहादुर शाह जफर कि तरह जलिल होना पदअ और मौत के बाद वतन कि ज़मिन न मिलि दुबैयी मे अर्बों किमत का विला समंदर के किनारे रह्ते थे दुनिया कि महगी गाडिय बुगति बेन्त्ली फिरारी उन के पास थि शेख के खअन्दन से उनके साथ उठ्नअ बैठानअ होता सात एस्तर होत्लों मेन खान पीना होता कहाँ जता हे बेंत ली गाडी उन्हों ने अपने क्रिदित् कार्ड से खरिदी जब के दुबायु के शेख भी इन्स्ताल्मेंट मे लेते हे
लेकिन उनेह इस बात् क मालाल तअ के बगएर चपल पहने वोह दुबाई मे घूम नही सकते उन्हे मोजे पहँन कर घुम्नअ पदत धआबे कि कतिंग चय याद आती अपने यार गैतोंदे कि याद उन्हे बहुत आतीअफसोस इन्सान कि हर ख्वाहिश जिन्दगी मे पूरी नही होती हुस्सैन साहब भी सआरी दौलत दे कर सिर्फ एक बार वतन आना चाह्ते थे और ये तमन्ना उन के दिल मे रह गई
दो गज ज़मिन भी न मिलि कूये यार मे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें