सोमवार, 7 अक्टूबर 2013

lagta nahin hai dil mera

मोहम फ़िदा हुसैन जीने लो माधुरी फ़िदा हुसैन के ने नाम से भी जानए जाते  हे मश्ह्हूर आर्टिस्ट पेंटर दुनिया भर में जाने जाते हे उनकी घोड़ों की तस्वीर करोड़ों रुपयें में बिकती हे उन के बनाये फ़िल्मी पोस्टर आर्त जमा करने वालो के लिये अह्मियात रखते हे जब्के बह्त्रॆन नसल का घोडा लाखोन मेन मिल जाता हे लेकिन फिर येह हुअ  के उन कि भारत माता कि बनाई बर्हनअ तस्वीर ने कूच लोगो को नाराज कर दिया अहमदाबाद मी उनके स्तुदिओ को तोड दि  गया उनके खिलाफ सुप्रिम कोर्ट मी कएस दाखल किया गया उन्हे देश  बदर  होओन नए पर मजबूर होना हुवा

       प्फिर वोह बंजारों कि तरह देश विदेश भत्के फिरे कभी लंदन तो कभी पेरिस बहुत वर्ष वोह दुबीय मे रहे दोहा कतार के शेइख उन पर मह्रबन हुए और उनेह  वहाँ कि नश्नालिटी मिल गई हुस्सैन साहब को अफसोस रहअ के उनेह गालिब कि तरह जिन्दगी मे कदर नहीं कि गई उनेह बहादुर शाह जफर कि तरह जलिल  होना पदअ और मौत के बाद वतन कि ज़मिन न मिलि दुबैयी मे अर्बों किमत का विला समंदर के किनारे रह्ते थे दुनिया कि महगी गाडिय बुगति बेन्त्ली फिरारी उन के पास थि शेख के खअन्दन से उनके साथ उठ्नअ बैठानअ होता सात एस्तर होत्लों मेन खान पीना होता कहाँ जता हे बेंत ली गाडी उन्हों ने अपने क्रिदित् कार्ड से खरिदी जब के दुबायु के शेख भी इन्स्ताल्मेंट मे लेते हे  

       लेकिन उनेह इस बात् क मालाल तअ के बगएर चपल पहने वोह दुबाई मे घूम नही सकते उन्हे मोजे पहँन कर घुम्नअ पदत धआबे कि कतिंग चय याद आती अपने यार गैतोंदे कि याद उन्हे बहुत आती
        अफसोस इन्सान कि हर ख्वाहिश जिन्दगी मे पूरी नही होती हुस्सैन साहब भी सआरी दौलत दे कर सिर्फ एक बार वतन आना चाह्ते थे और ये तमन्ना उन के दिल मे रह गई
        दो गज ज़मिन भी न मिलि कूये यार मे 

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