Mohammed Rafik Patel celebrating 64th birth day |
जाने वो किसे लोग थे जो मिल के एक बार
नज़रों में जज़्ब (absorb ) होगये दिल में उतर गये
मुहम्मद रफीक पटेल साहेब आप की शख्सियत (personality ) बयान करने के लिए यही एक शेर काफ़ी है। (कुछ लोग एक बार मिल कर दिल को भा जाते हैं। सालगिरह की ढेरों सारी मुबारकबाद। नेक ख़्वाहिशात। आप की स्ट्रगल की कहानी आप और नूतन भाभी की ज़बानी जान कर एक शेर याद आ रहा है।
तै की है कुछ तरह हम ने अपनी मंज़िलें
गिर पड़े गिर के उठे उठ के चले
आप की fitness सुब्हान अल्लाह ,अल्लाह बुरी नज़र से बचाये। मुझे गुमान हो रहा है ये आप की 64 वी नहीं बल्कि 46 वी वर्ष गाँठ है। पहाड़ो पर फुर्ती से चढ़ जाना Minnewanka लेक में एक्सपर्ट स्वीम्मर की तरह तैरना। driving में भी जनाब को महारत हासिल है ,एक वक़्त में ६५० किलोमीटर ड्राइविंग करके थकते नहीं। रात के समय भी आराम से ड्राइविंग कर लेते है आपकी अपने वतन और माँ से गहरी मुहब्बत के लिए कैफ़ी आज़मी की एक शेर पेश है।
ग़ुरबत की ठंडी छाव में आयी वतन की याद
क़द्रे वतन हुयी हमें तरके वतन के बाद
वतन से दुरी ,आराम की ज़िन्दगी गुज़ार कर भी मेरे दिल में अपने मुल्क ,देश और अपनी माँ की याद हमेशा साथ रहती है।
आप का बहुत बहुत शुक्रिया आप ने हम दोनों husband और wife को एक नया सबक़ सिखाया, के बुढ़ापा इंसान की अपनी सोच है। हम दोनों की ज़िन्दगी में एक नया जोश एक नयी उमंग जगाने के लिए शुक्रिया ,
सालगिरह मुबारक आप के लिए शेर अर्ज़ है
जहाँ रहे वो खैरियत के साथ रहे
उठाये हाथ तो ये दुआ याद आयी