इन्किलाब में छपा लेटर
नफरत की सियासत करने वालो को सुप्रीम कोर्ट की फटका
कानोडिया यात्रा के रास्ते में खाने पीने की चीज़ें बेचने वाले होटलें ,ढाबे और ठेले के मालिकों को उत्तर प्रदेश ,उत्तरा खंड और मध्य प्रदेश सरकार ने हुक्म जारी किया के वह अपने मालिकों के नाम के बोर्ड लगाए। महुआ मित्र की एन जी ओ ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस को सुन कर सुप्रीम कोर्ट ने इस हुक्म पर रोक लगा दी है। जस्टिस ऋषि केश रॉय ,जस्टिस अस वी एन भट्टी ने उत्तर प्रदेश और उत्तरा खंड हुकूमत को नोटिस जारी कर दिया है। जस्टिस भट्टी ने अपने फैसले में यहां तक कह दिया के वह केरला में रिहाइश के दौरान मुस्लिम रेस्टोरेंट में वेजेटेरियन खाना खाया करते थे जहाँ साफ़ सफाई इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड की हुवा करती थी। उत्तर प्रदेश हुकूमत के इस फैसले पर पुरे मुल्क में इन्साफ पसंद तबके ने सवाल उठाये हैं लेकिन योगी सरकार कब किसी की परवाह करती है। सुप्रीम कोर्ट के इस जुर्रत मंदाना (bold )फैसले पर योगी सरकार को शर्मिंदगी उठाना पड़ी। क्या उत्तर प्रदेश सरकार होश के नाख़ून लेंगी ?
राग़िब अहमद
नेरुल (नवी मुंबई )
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