नज़र आती है उनको अपनी मंज़िल आसमानों में
रिश्तेदारों के बच्चे हमें चीख चीख कर बता रहे हैं। हमें तालीम की राहें आसान कर दे। हम फ़रसूदा रसूम के के इन हलकों से आज़ादी चाहते हैं। कल्याण के कामयाब प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन फंक्शन के बाद एक बात रोज़े रोशन की तरह साबित होगयी है के ,रिश्तेदारों में तालीम के ताल्लुक़ से जो बेदारी पैदा हुयी है इंशाल्लाह ये एक इन्किलाब का पेश ख़ैमा साबित होंगी है।
हम जनाब इरफ़ान मुंशी और मुजाहिद सर के भी शुक्र गुज़र हैं जिनो ने रिश्तेदारों के संजीदा ,बावक़ार लोगों का ग्रुप तश्कील किया। फ़ुज़ूल डिस्कशन बहस मुबाहसे से गुरेज़ किया जाये सब के लिए बेहतर हैं। माशाल्लाह शादी के फ़रसूदा रुसुम को ख़त्म करने के लिए हाजी साल्हुद्दीन नूरी साहेब ने पहल की और नौजवानो ने इस आवाज़ पर लब्बैक कहा खुश आयंद मुस्तक़बिल के इशारे हैं। मज़हर जनाब के शुक्र गुज़र है दीनी सवालात का सिलसिला शुरू किया।
ग्रुप में किसी के इंतेक़ाल पर हर मेंबर की ख्वाहिश होती है के दुआ शेयर करे। क्या ये नहीं हो सकता हम दिल में दुआ पढ़ ले और एक दरूद शरीफ मुर्दे को बख़श दे ?इंतेक़ाल करने वाले के अल्लाह इंशाल्लाह दरजात ज़रूर बुलंद करदेंगा
मैं कुछ न कहु और ये चाहूँ के मेरी बात
खुशबु की तरह उड़ के तेरे दिल में उत्तर जाये
उमरे के लिए रवानगी है इंशाल्लाह तमाम उम्मत ,रिश्तेदारी ,इक़रा खानदेश फाउंडेशन के लिए खास दुआ करने का अज़्म रखता हूँ। आप सब से दरख्वास्त है नाचीज़ को अपनी दवाओं में शरीक करे।
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