सोमवार, 31 अक्टूबर 2022

Kalyan Prize Distribution Programme

जो बात दिल से निकलती है असर रखती है 

जिस तरह इक़रा खानदेश फाउंडेशन हमारे रिश्तेदारों ने बनायीं है ,रिश्तेदार चला रहे हैं और रिश्तेदार फायदा उठा रहे हैं। अल्हम्दोलीलाह इतवार ३० नवंबर २०२२ को आयोजित किया कल्याण में प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन प्रोग्राम हमारे रिश्तेदारों के ज़रिये सजाया गया था, हमारे अपने लोगो ने तन मन धन से शिरकत की। रिश्तेदारों की दो ज़हीन बा पर्दा (रुखसार ,शऊरआ ) ने कंडक्ट किया। ज़बान की शिरीनी उर्दू का सही तलफ़्फ़ुज़ और उर्दू शेरों का वक़्त बवक़्त इस्तेमाल  मीर ने शायद इसी ज़बान के लिए कहा था 

हम हुए तुम हुए के मीर हुए 

इसकी ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए 

 ज़ेहन में सवाल था क्या कोई इस ज़बान को को ख़त्म कर सकता है? 

अमर ट्रांसपोर्ट वालों का बुकिंग काउंटर ०३३० बजे तक खुला रहा। लोगों ने आना  शुरू किया बिज़नेस बंद कर दिया गया। अमर ट्रांसपोर्ट की वह जगह भी कुशादा है ,मौसम भी खुशगवार था और  सोने पे सुहागा ,नूरुद्दीन अज़ीमुद्दीन शैख़ ,नाज़िम साहेब और पुरे अमर ट्रांसपोर्ट  ख़ानदान के अफ़राद ने होस्ट (मेज़बानी ) के फ़रायज़ अंजाम देना शुरू कर दिए "उन से ज़रूर मिला क़रीने के लोग हैं " . 

मखदूम अली , यास्मीन भाभी ,हिसामुद्दीन , हसीन  ,अनीस सर की भाग दौड़  लगे थे ,सोहेल शैख़ की मेहनत,  मुफ्फसीरे क़ुरान जनाब हाजी सलाहुद्दीन मालिक नफ़्स ब नफीस हर काम की निगरानी कर रहे थे ,इमरान  मखदूम अली का ५ घंटे मुसलसल खड़े रह कर प्रोग्राम रिकॉर्ड करना live Utube पर relay करना । ये बातें एक बेहतरीन प्रोग्रम की कामयाबी की ज़मानत हैं। प्रोग्राम में दूर दूर से आये मेहमानों की शिरकत ने प्रोग्राम को चार चाँद लगा दिए। जनाब एडवोकेट रज़ीउद्दीन नवसारी से रात भर सफर करके तशरीफ़ लाये। हाजी नूरुद्दीन नूरी धुले से ,नियाज़ अहमद ,डॉ रागिब ,रिज़वान जहागिरदार ,जावेद अहमद शैख़ ,बशश शैख़ नवी मुंबई से ,मैं खुद और मेरे हर क़दम की  साथी, मेरे हर सफर की मंज़िल शगुफ्ता रागिब नेरुल से सफर करके जलसे में शरीक हुए। 

प्रोग्राम के लिए ३५० कुर्सियों का इंतेज़ाम किया गया था वो भी कम  पड़ रही थी , बच्चों की कामयाबी पर ज़ोर शोर से तालियां बजा कर इस्तक़बाल किया जा रहा था। एक अजीब जोश वलवला था। 

 हमारे IKF ट्रस्ट की कामयाबी में रिश्तेदारों की दिलो जान की शिरकत ने राह आसान कर दी। कल प्रोग्राम में ४ साल के छोटे बचे ने लाइफ मेम्बरशिप रजिस्टर करवाई ,एक बच्ची ने अपने इनाम की मिली रक़म इक़रा खानदेश फाउंडेशन को डोनेट कर दी ,नियाज़  अहमद कडु मियां ने धुले प्रोग्राम में उनेह निज़ामत के लिए मिली रक़म हमारे ट्रस्ट के नाम वक़्फ़ कर दी।  अल्लाह ये जज़्बे सलामत रखे। माशाल्लाह साडे पांच घंटे के प्रोग्राम में औरतें ,बुज़र्ग और बच्चे इन्तेहाई मुंहमिक हो कर प्रोग्राम की करवाई को दीलचस्पी से देखते रहे। 

कू बी कू फ़ैल गयी बात शनासाई की 

उसने खुशबु की तरह मेरी पज़ीराई की 

ख़ुशी का मुक़ाम है कल प्रोग्राम में १५० लाइफ मेंबर्स  हमारे इदारे से जुड़ गए। अल्हम्दोलीलाह मुझे यक़ीन है फॅमिली ट्री में दर्ज ९००० मेंबर्स ,२००० ख़ानदान इक़रा खानदेश फाउंडेशन के लाइफ मेंबर्स बनेगें और ट्रस्ट की माली मदद करेंगे। इंशाल्लाह हमें किसी के आगे दस्त दराज़ करने की ज़रूरत नहीं रहेंगी। आज तक हम स्टार्ट उप किताबों में पढ़ते थे ,हम जलगाव ,एरंडोल ,बहादरपुर ,नसीराबाद ,नवापुर ,धुले वाले खानदेशी ये कर दिखाएंगे। 

४५ बच्चों को प्राइज दिया गया माशाल्लाह डायटीशियन का कोर्स भी कर रहे है ,इंजीनियर ,मास मिडिया ,पोस्ट ग्रेजुएशन ये अगर हमारा मुस्तकबिल है इंशाल्लाह  तो इस नयी जनरेशन के हाथों में मेहफ़ूज़ है। 

हाजी वाजिहुद्दीन जनाब को मिसालि सरपरस्त अवार्ड से नवाज़ा गया इस बात का सुबूत है हम अपने बुबुज़र्गों को नहीं भूले। 

ढूंढ उजड़े हुए लोगो में वफ़ा के मोती 

ये खज़ाने तुझे शायद  के खराबों  में मिले 




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें