सोमवार, 5 अक्टूबर 2020

sher Ali Sayed



मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा 

मरहूम इंस्पेक्टट शेर अली सैय्यद 


British Delegation ke sath Marhum Inspector Sher Ali




नाम : शेर अली शौकत अली सय्यद 
जन्म तारीख : २९ ऑगस्ट १९५४ जलगांव 
वफ़ात (मौत) :१७ मोहर्रम १४२२ , २३ अप्रैल २००० (कुर्ला ,मुंबई )
वालिद का नाम : शौकत अली इज़्ज़त अली सैय्यद 
वालेदा का नाम  इलायत बी शौकत अली सैय्यद 
बीवी का नाम : रौशन शेर अली सैय्यद 
बच्चोँ के नाम : शहबाज़ शेरअली सैय्यद  ,साजिद अली शेर अली सैय्यद  , शाहीन समीर शेख़ (जलगांव )
भाई का नाम : लियाक़त अली शौकत अली सैय्यद 
बहने :१) शहज़ादी करीमुद्दीन शेख २) नियाज़ बेगम वजियोद्दीन सैयद  ३)हाजरा बी ख़ुश मुहम्मद शेख ४)लतीफा ज़हीरोद्दीन शेख़  ५)मैराज मेहफ़ूज़ अली सैय्यद ६) बिल्किस अहमदुद्दिन क़ाज़ी  ७)नाज़नीन मेहमूद अली सैय्यद ८) शबाना ज़ाकिर हुसैन सैय्यद 
शौकत और इज़्ज़त वाले घराने में शेर अली ही जन्म ले सकता है। बहुत लोग चांदी का चमचा मुँ में लिए पैदा होते हैं लेकिन बहुत लोगों को  अपना रास्ता खुद बनाना पड़ता है ,अपनी मंज़िल खुद तलाशनी पड़ती है। शेर अली भी उनमे का एक था। 
दुआ देती हैं राहें आज तक मुझ आबला पा को 
मेरे पैरों की गुलकारी बियाबान से चमन तक है 
 पूत के पाँव पालने  में ज़ज़र आजाते है ,शेर अली को स्कूल ही से उसकी लियाक़त देखते हुवे  पुलिस  वेलफेयर  फण्ड से स्कॉलरशिप मिलती थी। जलगांव से १९७१  में नूतन मराठी स्कूल से ,मेट्रिक में जलगांव ज़िले में टॉप करने के बाद ,एम्.जे जलगांव से कॉलेज में, बी.कॉम में टॉप करने पर लोकल पेपरों  में ये ख़बर भी छपी थी। पेपर में ये भी लिखा था के शेर अली सैय्यद ने  M.B .A  करने की ख्वाहिश ज़ाहिर की थी। लेकिन हालात मजबूरिया इंसान को बहुत से ख्वाब मुकम्मिल करने से रोक देते हैं। दिल्ली में  अपने NCC यूनिट के साथ आज़ादी  की परेड में शामिल होना उसके लिए एक नयी मंज़िल की तरफ इशारा कर रहा था। वालिद  हेड कांस्टेबल शौकत अली भी यही चाहते थे के वो पुलिस अफसर बने। बग़ैर किसी वसीले या रिश्वत के शेर अली काऑफिसर  पोस्ट के लिए सिलेक्शन होता  है और फिर, हर किसी  का नसीब कहाँ होता है के बॉम्बे जैसे शहर में पोस्टिंग मिले, लेकिन उनेह शुरू से बॉम्बे में पोस्टिंग मिली। 
मुलुंड ,तिलक नगर चेम्बूर ,कुर्ला , VT ,घाटकोपर पुलिस स्टेशन में अपनी उम्दा कारगरदागी दिखाई। उस ज़माने में शेर अली के पास खुद का कम्प्यूटर था। उनकी की FIR और रिपोर्ट राइटिंग पर सब अचरज किया करते। उस ज़माने में उनके सीनियर ऑफिसर्स उनका मशवरा लिया करते। ब्रिटिश गवर्नमेंट की तरफ से delegation आया था उनोहने investigation and surveillance techniques पर सेमिनार किया था शेर अली को मुंबई पुलिस की तरफ से शरीक होने का मौक़ा मिला था। 
अपने पर्सनल रिफरेन्स से शेर अली ने अपने क़रीबी दोस्त रागिब अहमद को अमेरिकन कंपनी यूनाइटेड कार्बन ठाणे  बेलापुर रोड पर  पहली नौकरी दिलवाई थी। ऐसी कई मिसाल हैं। लोगो की मदद करना उनके के खून में शामिल था। बी एम् पागड़ नाम के व्यक्ति को एक औरत ने रेप  के झूठे केस में उलझा दिया था ,उसको अपनी तरफ से वकील करके निर्दोष साबित करवाया था। गणेश नाम का एक व्यक्ति शेर अली की मौत के ४ साल बाद उनेह तलाश कर उनके घर जाकर उनकी मौत पर दुःख ज़ाहिर करता है और कहता है "मेरे घर में गौतम बुध और आंबेडकर के साथ साथ सैय्यद साहब की तस्वीर भी लगी है जिस की मैं रोज़ाना पूजा करता हूँ। जुर्म की दुनिया से उस आदमी गणेश को निकाल कर शेर अली ने समाज में इज़्ज़त का मुक़ाम दिलाया था । 
बहनों  की शादियां ,बच्चों की बिस्मिल्ला ,शेर अली ने बड़ी शान शौकत से की। कुछ लोगों की sixth sense बड़ा मज़बूत होता है ,कही न कही उनेह अहसास होगया था के वो मुख़्तसर (छोटी) ज़िन्दगी लेकर आये है और उनेह जल्दी जल्दी काम निपटानें है। 
 माँ बाप की खिदमत शेर अली ने बड़े खुलूस से की। अपने छोटे भाई लियाक़त को ज़िन्दगी भर अपने साथ रखा। उसके दोनों बच्चोँ से उनेह बेपनाह उनसियत थी। जब अपने बड़े बेटे शाहबाज़ का  12th का रिजल्ट आया था और उसे सोमैया कॉलेज में Admission  मिला था तब शेर अली को मानो  दुनिया भर की खुशियां मिली थी। 
हमेशा शेर अली का घर रिश्तेदारों से भरा होता। अपने दोस्तों की घर आमद पर खास खानदेशी खानो की दावत मरहूम करते । आखरी पोस्टिंग चेम्बूर स्टेशन में  सीनियर इंस्पेक्टर इंचार्ज की थी ,रहने के लिए कुर्ला  पुलिस स्टेशन के ऊपर ब्रिटिश क्वार्टर में लम्बा चौड़े मकान में रिहाइश थी। शायद अपने घर में आने वाले मेहमानो की सहूलत के लिए उनोहने ये मकान पसंद किया था। 
२३ अप्रैल २००० के रोज़  serious हादसे के बाद  शेर अली ने आखरी साँस ली (इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन )उसी रोज़ कुर्ला कसाई  वाड़ा कब्रस्तान में २१  रायफलों की सलामी बॉम्बे पुलिस की तरफ से दी गयी और इज़्ज़त से  (सुपर्दे खाक )दफ़न किया गया। 
उदास छोड़ गया वो हर एक  मौसम को 
गुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से 
वही अख़लाक़ वही आदते  शेर अली अपनी औलाद को विरासत में माशाल्लाह दे गया। शहबाज़  (बड़े बेटे )ने कड़ी मेहनत से merchant navy में  तरक़्की कर के captain के ओहदे तक अपने आप को पुहचाया। अपनी माँ  को हज करवाया ,साथ  साथ अपने अब्बा का हज्जे बदल भी अदा किया। दोनों अवलादो (शाहबाज़ और साजिद ) ने बड़ी सख़ी  तबियत पायी है। रिश्तेदारों का खास ख्याल रखते हैं। बीवी बच्चों के नेक अख़लाक़ सख़ावत दरयादिली का सिला ज़रूर अल्लाह ताला शेर अली के नामा -ए -आमाल में लिखेगा और उनकी  मग़फ़िरत का सबब इंशाल्लाह बनेगा। आमीन सुमा आमीन 
जाने वाले कभी नहीं आते 
जाने वालों की याद आती है 



12 टिप्‍पणियां:

  1. As-Salamu 'Alaykum wa-Raḥmatullāhi wa-Barakātuhu
    (السلام عليكم ورحمة الله وبركاته وعليكم)

    माशाअल्लाह......बहुत अच्छे रागिब अंकल👏🏻👏🏻👌🏻👌🏻....

    उन के यादों की ख़ुश्बू से साँसें महकती हैं, हम से जुदा वो जरूर हुए,

    हमारे दिलों में आज भी बसतें हैं वो, नाम ही को वो हम से दूर हुए।

    जाने क्या शक़सीयत थी उनकी, क्या किया था उन्होंने,

    उन्हें फ़रिश्ता बनाने के लिए लोग मजबूर हुए।

    हमारा नाम भी कोई न लेता, ये तो किस्मत हमारी के,

    उनकी औलाद कहलाए और हम मशहूर हुए।

    By Sajid Ali "Qamar" Saiyad

    जवाब देंहटाएं
  2. पढकर ऑख भर आई।शेर अली रिश्ते मे हमारे मामु लगते थे।मै कई बार उनके घर जाता था।उनको कभी भी अपने औदेका घमंड नही था।अल्ला ताला मरहुम को जन्नत में जगह अता फरमाए।आमीन।

    जवाब देंहटाएं
  3. Allah ka bahot bahot shukr hai ki Allah ne hume aise mahan shakshiyat ke sath rehne ka aur bahot kuch sikhne ka mauka diya...Allah marhoom ko jannat ul firdous me ala maqam ata farmaye... Aameen aur iss post ke writer Ragib uncle ka bhi shukriya jinhone hume kayi baatein aisi batayi jo hume pata nahi thi.......aur bade abba ki yaad bhi taza kar di.

    जवाब देंहटाएं
  4. Eyes are full of water,....
    Heart ♥ melt with love.
    Shaheed marte nahi.... Woo jindaa rahte hai.

    Allah Talha La Marhoom ko Aala see aala mukaam naseeb farmaaye.

    Inna Lillahi wainnaa lillahi rajioon

    जवाब देंहटाएं
  5. Eyes are full of water,....
    Heart ♥ melt with love.
    Shaheed marte nahi.... Woo jindaa rahte hai.

    Allah Talha La Marhoom ko Aala see aala mukaam naseeb farmaaye.

    Inna Lillahi wainnaa lillahi rajioon

    जवाब देंहटाएं
  6. Eyes are full of water,....
    Heart ♥ melt with love.
    Shaheed marte nahi.... Woo jindaa rahte hai.

    Allah Talha La Marhoom ko Aala see aala mukaam naseeb farmaaye.

    Inna Lillahi wainnaa lillahi rajioon

    जवाब देंहटाएं