२२ जुलाई २०२०
सालगिरह के हसीन ख़ूबसूरत अवसर पर दिल की गहराइयों से मुबारकबाद । मोहतरमा शगूफता में जनता हूँ के औरत से उसकी उम्र और आदमी से उसकी salary कभी नहीं पूछनी चाहिए ।अल्लाह की मेहरबानी है हम दोनो maturity की age से आगे बढ़ चुके हैं लेकिन अब भी दिमाग़ जवानो की तरह active है । तुम मेरे पास होते हो गोया
जब कोयी दूसरा नहीं होता
उर्दू के माशहूर poet (शायर) मोमिन खान मोमिन ने १५० साल पहले ये बात कही थी ।lock down के इस period में ये बात कितनी सच साबित होती है ।चार महीनो से हम एक दूसरे की शक्लें देखते रहे है लेकिन अलहमदोलिलह bore (बेज़ार) नहीं हुवे ।४ महीनो से तुम होटेल से भी जियादा लज़ीज़ खाने मुझे खिला रही हो ।काम वाली की ग़ैर हाजरी बड़ा बोझ था ,बर्तन घर की सफ़ायी हम दोनो ने बाँट कर करली । hall का A/C परेशान कर रहा था ,fan की speed काम होगायी थी , में ने जुगाड़ कर ठीक कर लिया ,लेकिन घर में किसी को enter होने नहीं दिया।हमारी पूरी बिल्डिंग COVID Patient की वजह से रमज़ान के आख़री १५ रोज़ lock रही , यहाँ तक के सीढ़ियों और lift को भी municipal ने बामबू बाँध कर बंद कर दिया था ,ना सीड़ियों से कोयी उतर सकता था न लिफ़्ट से , एक वहशत हू का आलम था , लेकिन अलहमदोलिलह हम घबरायें नहीं ।अब तो हमारे पड़ोस में COVID का मरीज़ पाया गया है ।अल्लाह का क़दम क़दम पर साथ रहा , और ये भी सच है कि ,इंसान की सोच मज़बूत तो किसी भी तूफ़ान का सामना किया जा सकता है ।सोच कमज़ोर तो ,इंसान एक पुरानी बोसीदा (खंडर) इमारत की तरह ताश के पत्तों की तरह टूट कर बिखर जाता है ।
ये कहके ज़िंदगी ने मेरे हौसले बढ़ाये हैं
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साये है
ये दौर बहुत सख़्त है ।कहा जाता है ये महामारी १०० साल में एक बार आती है और अल्लाह दुनिया के लोगों का इम्तिहान लेता है ।lock down की बिना पर लोगों की कमायी ख़त्म होगायी है ।छोटे छोटे घरों में लोग बड़े बड़े ख़ानदान के साथ रहते हुवे लोग साँस लेने के लिए तरस गए है ।बचों का शोर ,उनकी पढ़ायीं ,बुज़र्गों की परेशनियाँ, बीमार होने पर ना available है न hospital, COVID ने तहलका मचाया है ,मौत की हैबतनाक ख़बरें, मंदिर ,मस्जिद ,गुरदवारें बंद ,mall और theatres पर lock, stadium में खेलों पर पाबंदी ।
जिस तरफ़ जाएएँ ज़ख़्मों के लगे है अंबार
ऐसे में रिश्तों में तल्खियाँ बढ़ रही है ,महोबतों के बीच दाराडे पद रही है ।उम्र रसीदाँ लोगों को torture किया जा रहा है ।wife husband के बीच कड़वाहट बढ़ रही है ।इस बीच ,help line पर लोगों के ज़ख़्मों पर मरहम लगाने की कोशिश सराही जानी चाहिये ।COVID के इस तूफ़ान से निकलने के पश्चात् बिगड़ी दुनिया को सवारने के लिए हम सब को तय्यार सतर्क रहने की ज़रूरत है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें