विनोद कुमार माथुर
जाने वो कैसे लोग थे जो मिल के एक बार
नज़रों में जज़्ब होगये दिल में उतर गएँ
पिछले दो तीन सालों से वंडर पार्क नेरुल में वाकिंग के लिए एक मेला लग जाता है। डेली कई रेगुलर आने लोगों से मुलाक़ात होजाती है। नमस्ते ,सलाम आदाब होजाता है। कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जिन की ऒर मिकनातिस (magnet ) की तरह तबियत मायल होजाती है।
ज़िंदगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे
जनाब विनोद कुमार माथुर से भी पहचान सलाम नमस्ते से हुयी थी। फिर छोटी छोटी मुलाक़ातें गहरी मोहबत में बदल गयी।
माथुर साहेब bullet की तरह तेज़ी से चलते है। हमारा मुंगी की चाल से १ किलोमीटर की दूरी पूरी होती है तब तक माथुर साहेब ३ किलोमीटर की दुरी चल लेते हैं। फिर हमें देख कर अपनी speed कम कर देते और फिर हमारे साथ दुनिया भर के टॉपिक्स पर हमारे नॉलेज को बढ़ाने में जुट जाते। religion ,philosophy ,litrature ,film ,ghzal ,music हर subject पर हमसे शेयर करते। आप का टोन (लहजा) बड़ा मद्धम होता है। नपे तुले अंदाज़ में अपनी बातों से लोगों को convince करने में माहिर है।
उम्र की ७० बहारें देख चुके हैं। लेकिन सेहत माशाल्लाह है। सफ़ेद रंगत ,बोलती आंखें ,खनक दार लहजा। में उनसे कहता हूँ।
आप का साथ साथ फूलों का
आपकी बात बात फूलों की
हर बात में रख रखाव है। उनका बांग्ला भी harbour view society में उनकी शख्सियत की अक्कासी (reflect his personality ) अहाते में खूबसूरत फूल ,ऑर्नामेंटल प्लांट्स और सब्ज़ियों का garden लगा रखा है। उन की वाइफ भी उनकी हम मिज़ाज है ,ड्रामों में काम कर चुकी है। उनकी औलाद भी उनकी तरह नरम मिज़ाज और तहज़ीब याफ्ता है। पिछली दीवाली मुझे और वाइफ को उनके घर विजिट करने का मौक़ा मिला। अपना घर भी माथुर साहेब ने उसी सादगी हुस्न और नफासत से सजाया है ,बेसाख्ता कहना पड़ा ”उनसे ज़रूर मिलना सलीके के लोग हैं।
माथुर साहेब के पूर्वज बहादुर शाह ज़फर के दरबार में दीवान की position पर काम करते थे। जनाब माथुर साहेब ने भी M.Sc ,MBA किया है। 1960 में जब MBA डिग्री को इम्पोर्टेंस थी। आपके डैडी भी All India Radio में technical dept से जुड़े थे। माथुर साहेब बड़ी educated फॅमिली से belong करते हैं। आपके भाई भी mining engineer है।
दुनिया ने तजुर्बात व हवादिस की शक्ल में
जो कुछ दिया है वो लौटा रहा हु मैं
मथुर साहेब ने अपने career की शुरुवात Birla group से की। फिर क्या सूझी के nigeria का रुख किया। कई साल
वहां की खाक छानी। कई साल बाद हुन्दुस्तान वापिस आये तो अपनी खून पसीने की कमाई से MPIL कंपनी शुरू की। लेकिन Nigeria को भुला नहीं ,वहीं से अपना raw material import करते हैं। Tantalum ,Niobium और Tungstun जैसे innovative product manufacture करते है। जो electronic इंडस्ट्रीज में use होते हैं। उनके product जापान ,germany और Europian countries को एक्सपोर्ट किये जाते हैं।
जुस्तजु जिस की थी उसको तो न पाया हम ने
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने
माथुर साहेब अपने hard work ,ईमानदारी और नेक नियति से एक मक़ाम बनाया है। दुनिया का शायद कोई country
जहां आपने विजिट न किया हो। अब भी अपनी company के प्रोडक्ट को improve करने के लिए कोशिश में लगे रहते है। में बड़ा खुशकिस्मत हूँ उनकी factory को विजिट करने का शर्फ हासिल कर चूका हूँ।
जाने वो कैसे लोग थे जो मिल के एक बार
नज़रों में जज़्ब होगये दिल में उतर गएँ
पिछले दो तीन सालों से वंडर पार्क नेरुल में वाकिंग के लिए एक मेला लग जाता है। डेली कई रेगुलर आने लोगों से मुलाक़ात होजाती है। नमस्ते ,सलाम आदाब होजाता है। कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जिन की ऒर मिकनातिस (magnet ) की तरह तबियत मायल होजाती है।
ज़िंदगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे
जनाब विनोद कुमार माथुर से भी पहचान सलाम नमस्ते से हुयी थी। फिर छोटी छोटी मुलाक़ातें गहरी मोहबत में बदल गयी।
माथुर साहेब bullet की तरह तेज़ी से चलते है। हमारा मुंगी की चाल से १ किलोमीटर की दूरी पूरी होती है तब तक माथुर साहेब ३ किलोमीटर की दुरी चल लेते हैं। फिर हमें देख कर अपनी speed कम कर देते और फिर हमारे साथ दुनिया भर के टॉपिक्स पर हमारे नॉलेज को बढ़ाने में जुट जाते। religion ,philosophy ,litrature ,film ,ghzal ,music हर subject पर हमसे शेयर करते। आप का टोन (लहजा) बड़ा मद्धम होता है। नपे तुले अंदाज़ में अपनी बातों से लोगों को convince करने में माहिर है।
उम्र की ७० बहारें देख चुके हैं। लेकिन सेहत माशाल्लाह है। सफ़ेद रंगत ,बोलती आंखें ,खनक दार लहजा। में उनसे कहता हूँ।
आप का साथ साथ फूलों का
आपकी बात बात फूलों की
हर बात में रख रखाव है। उनका बांग्ला भी harbour view society में उनकी शख्सियत की अक्कासी (reflect his personality ) अहाते में खूबसूरत फूल ,ऑर्नामेंटल प्लांट्स और सब्ज़ियों का garden लगा रखा है। उन की वाइफ भी उनकी हम मिज़ाज है ,ड्रामों में काम कर चुकी है। उनकी औलाद भी उनकी तरह नरम मिज़ाज और तहज़ीब याफ्ता है। पिछली दीवाली मुझे और वाइफ को उनके घर विजिट करने का मौक़ा मिला। अपना घर भी माथुर साहेब ने उसी सादगी हुस्न और नफासत से सजाया है ,बेसाख्ता कहना पड़ा ”उनसे ज़रूर मिलना सलीके के लोग हैं।
माथुर साहेब के पूर्वज बहादुर शाह ज़फर के दरबार में दीवान की position पर काम करते थे। जनाब माथुर साहेब ने भी M.Sc ,MBA किया है। 1960 में जब MBA डिग्री को इम्पोर्टेंस थी। आपके डैडी भी All India Radio में technical dept से जुड़े थे। माथुर साहेब बड़ी educated फॅमिली से belong करते हैं। आपके भाई भी mining engineer है।
दुनिया ने तजुर्बात व हवादिस की शक्ल में
जो कुछ दिया है वो लौटा रहा हु मैं
मथुर साहेब ने अपने career की शुरुवात Birla group से की। फिर क्या सूझी के nigeria का रुख किया। कई साल
वहां की खाक छानी। कई साल बाद हुन्दुस्तान वापिस आये तो अपनी खून पसीने की कमाई से MPIL कंपनी शुरू की। लेकिन Nigeria को भुला नहीं ,वहीं से अपना raw material import करते हैं। Tantalum ,Niobium और Tungstun जैसे innovative product manufacture करते है। जो electronic इंडस्ट्रीज में use होते हैं। उनके product जापान ,germany और Europian countries को एक्सपोर्ट किये जाते हैं।
जुस्तजु जिस की थी उसको तो न पाया हम ने
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने
माथुर साहेब अपने hard work ,ईमानदारी और नेक नियति से एक मक़ाम बनाया है। दुनिया का शायद कोई country
जहां आपने विजिट न किया हो। अब भी अपनी company के प्रोडक्ट को improve करने के लिए कोशिश में लगे रहते है। में बड़ा खुशकिस्मत हूँ उनकी factory को विजिट करने का शर्फ हासिल कर चूका हूँ।
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