रमजान के महीने और रोज़ो के लिए आप सब को शुभ कामनायें। मेरी आप लोगों से गुज़ारिश है।
ज़िन्दगी को रमजान जैसा बनालो
तो ईद मौत जैसी होंगी
यहाँ आने से पहले इस शहर नवी मुंबई की एकता ,मोहबत ,अमन की खुशबु मुझ तक बहुत पहले पहुँच गयी थी। आज स्टेज पर एक साथ बैठे अलग अलग धर्म गुरु ,को देख कर यक़ीन आगया के इस शहर को जैसा सुना था उस से बढ़ का पाया । किसी शायर ने ईसि मौके के लिए क्या खूब कहा है।
चमन में इख़्तेलाफ़े (difference ) रंग व बू से बात बनती है
हमी हम है तो क्या हम हैं ,तुम्ही तुम हो, तो क्या तुम हो
यानि बाग (garden ) में एक ही रंग colour के फूल खिले हो तो बात नहीं बनती। बात उस् वक़्त बनती है जब हर रंग ,हर खुशबु के फूल बाग़ में खिले हो। यही बात हिंदुस्तान के लिए कही जा सकती है जहाँ , सब ज़ात ,धर्म ,मज़हब के लोग एक साथ प्यार मोहब्बत से रहते हैं ।
मरकज़-इ-फलाह नेरुल और नेरुल पुलिस स्टेशन के माध्यम से २० वर्षों से कामयाबी के साथ इफ्तार के इस प्रोग्राम को आयोजित किया जाता है ,जान कर खुशी हुयी। मोहबत ,अमन ,भाई चारगी का ये वातावरण हमेशा बना रहे ईश्वर से यही प्रार्थना है।
आप सब को ईद की एडवांस में मुबरकबाद इस दुआ के साथ
ये दुआ मांगते है हम ईद के दिन
बाक़ी न रहे आप का कोई ग़म ईद के दिन
आप के आँगन में उतरे हर दिन ,ईद की तरह
और महकता रहे फूलों से चमन ईद के दिन
ज़िन्दगी को रमजान जैसा बनालो
तो ईद मौत जैसी होंगी
यहाँ आने से पहले इस शहर नवी मुंबई की एकता ,मोहबत ,अमन की खुशबु मुझ तक बहुत पहले पहुँच गयी थी। आज स्टेज पर एक साथ बैठे अलग अलग धर्म गुरु ,को देख कर यक़ीन आगया के इस शहर को जैसा सुना था उस से बढ़ का पाया । किसी शायर ने ईसि मौके के लिए क्या खूब कहा है।
चमन में इख़्तेलाफ़े (difference ) रंग व बू से बात बनती है
हमी हम है तो क्या हम हैं ,तुम्ही तुम हो, तो क्या तुम हो
यानि बाग (garden ) में एक ही रंग colour के फूल खिले हो तो बात नहीं बनती। बात उस् वक़्त बनती है जब हर रंग ,हर खुशबु के फूल बाग़ में खिले हो। यही बात हिंदुस्तान के लिए कही जा सकती है जहाँ , सब ज़ात ,धर्म ,मज़हब के लोग एक साथ प्यार मोहब्बत से रहते हैं ।
मरकज़-इ-फलाह नेरुल और नेरुल पुलिस स्टेशन के माध्यम से २० वर्षों से कामयाबी के साथ इफ्तार के इस प्रोग्राम को आयोजित किया जाता है ,जान कर खुशी हुयी। मोहबत ,अमन ,भाई चारगी का ये वातावरण हमेशा बना रहे ईश्वर से यही प्रार्थना है।
आप सब को ईद की एडवांस में मुबरकबाद इस दुआ के साथ
ये दुआ मांगते है हम ईद के दिन
बाक़ी न रहे आप का कोई ग़म ईद के दिन
आप के आँगन में उतरे हर दिन ,ईद की तरह
और महकता रहे फूलों से चमन ईद के दिन
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