१६ जून २०१८ पुरे हिंदुस्तान में कुछ मक़ामात को छोड़ ईद हंसी ख़ुशी मनायि गयी। रमजान के शुरुवात में मुंबई वालों ने एक दिन देरी से रोज़े रखें थे। पुरे हिंदुस्तान में लोगों के ३० मुक़ामिल रोज़े हुए जबकि मुंबई वालों के २९। हिंदुस्तान भर में तमाम शहरों में हलाल कमिटियां बानी हैं। बड़ा confusion होता है। काश के चाँद का एलान centralize sysstem के ज़रिये किया जाये। आज साइंस ने इतनी तर्रकी कर है सदियों बाद के चाँद गिरहन की सही तारीख मालूम है। आज नमाज़ों के वक़्त का अंदाज़ा लगाना मिनटों और सेकंडों में किया जाता है। हर मस्जिद में indicators लगे है। ज़ुहर की नमाज़ ०१३० है तो ०१२९ के बाद ६० सेकंड पुरे होते ही जमात शुरू होजाती है। १४०० साल पहले सूरज की position देख कर नमाज़ का time decide किया जाता था। हमारे उलमा हर चीज़ को अपनाते हैं मगर ठोंकरें खाने के बाद। फोटोग्राफी जायज़ होगयी ,laudispeaker पर अज़ान ज़ायज़ होगयी। वक़्त करीब है चाँद भी scientific तरीके से देखा जाएंगा।
सोमवार, 18 जून 2018
रविवार, 10 जून 2018
appreciation letter bismilla sir
بسم اللہ
الرحمان الرحیم
عزت مآب جناب بسم اللہ سر
اسلام علیکم
نیئ ممبئ کا سب سے معتبر اور مستند ادارہ 20 سال پہلے قائم
ہوا –آپ اس کے بانی ممبران میں شامل ہے-عمر کے تقاظے ،صحت کی خرابی
کی بنا پر آپ اس مرکز فلاح نیرول کی مجلس منتظمہ میں شامل نہیں ہیں ہمیں اس
کا نہایت افسوس ہے- آپ مرکز فلاح کی عمارت کی بنیادی اینٹوں میں شمار کئے جاتے
ہو-ادارے کی خوش قسمتی ہے کے آّ پ کئی سالوں تک مرکز فلاح کے فعال جنرل سکریٹری
رہے ہو-
آپ ہی نے کئی
سالوں تک مرکز کے 10 وی اور 12 وی کے غریب بچوں کے لئے فری کوچنگ کلاسس کا نظم
چلایا تھا-غریب عورتوں کے لئے سلائی کلاسس بھی آپ کے زیر اہتمام شروع کی گئی تھی-
آپ کی خواہش ہے کے
مرکز فلاح نیرول کی باگ ڈور young blood
کے سپرد کر دی جائے ،ہم آپ کی اس خواہش کا
احترام کرتے ہے ،آپ کے جزبے کی قدر کرتے ہے-لیکن امید کرتے
ہے آپ اپنے قیمتی مشوروں سے مرکز فلاح کو نوازتے رہونگے-
ہم سب آپ کی صحت اور
تندرستی کے لئے دعاگو ہیں-
صدر و اراکین مرکز
فلاح نیرول
appreciation for Abbas bhai
بسم اللہ
الرحمان الرحیم
محترم المقام سید
محمد عباس صاحب
اسلام علیکم
نیئ ممبئ کا سب سے معتبر اور مستند ادارہ 20 سال پہلے قائم
ہوا –آپ اس کے بانی ممبران میں شامل ہے-عمر کے تقاظے ،صحت اور مصروفیت کی بنا پر
آپ اس مرکز فلاح نیرول کی مجلس منتظمہ میں شامل نہیں ہیں ہمیں اس کا نہایت افسوس
ہے-تاہم آپ گزشتہ 20 سال سے بے مثال
کامیاب سر گرم رکن رہے ہیں-ہم آپ کے جزبہ
کو سلام کرتے ہے-
Identified families کی لسٹ بنانے میں آپ نے ایک زمانے میں
active رول ادا کیا تھا جو ایک سنگ میل کی
حیثیت رکھتا ہے-مرکز فلاح نیرول کی مدد سے
کئی سوغریب طلبا تعلیم حاصل کر کے بڑے بڑے
عہدوں پر تعنیت ہو کر کام کر رہے ہیں ،خاندان سماج کا نام روشن کر رہے ہیں ،اپنے خاندان
کی کفالت کر رہے ہیں ،مرکز فلاح کی مدد کر
رہے ہیں- یہ آپ کے لئے دنیا آخرت کی فلاح اور نجات کا انشا اللہ باعث ہوگا-جب بھی
مرکز فلاح نیرول کی تاریخ لکھی جائیگی آپ کا نام سنہری حرفوں میں لکھا جائینگا-
مرکز فلاح نیرول کی میٹنگوں جلسوں میں آپ کی حاضری اور
جلسوں میں آپ کی شرکت اراکین مرکز کے حوصلوں کی بلندی عطا کریگی-آپ کی دعائیں مرکز
کے بے مثال فلاحی کاموں کو مزید بلندیوں سے ہم کنار کرینگی-
آپ کی صحت کے لئے دعائیں ،نیک خواحشا ت-
nishadar speech
markaz-e-falah nerul की बुनियाद इस जज़्बे से राखी गयी थी के नेरुल node का कोई ग़रीब बच्चा ग़रीबी की वजह से तालीम से महरूम न रह जाये। समाज में भाई चारगी बढे। आज मरकज़-इ-फलाह नेरुल के पेड़ को लग़ कर २० साल का लम्बा अरसा होगया है। और वो पेड़ मीठे मीठे फल देने लगा है। हमारे volunteers ने proper survey करके २०० families को identify किया था। उन से दो identity proof जैसे ration card /adhar , और family income verify की जाती है। ऐसे खानदान के बच्चों के लिए 1st से post graduation तक मरकज़ के volunteers खुद personally जा कर स्कूलों और colleges में cheque से साल भर की फी भरते हैं।
आप को जान कर ख़ुशी होंगी इस साल १० वी में उज़ैर एक ग़रीब घर के बच्चे ने ८८% मार्क्स मिला कर मरकज़-इ-फलाह का नाम रोशन किया है। मरकज़े-इ-फलाह की मदद से बासित टोले ने M.B.A sports mana gement की degree D.Y.patil college से हासिल की थी। पिछले साल यही बासित "he was the member of team who successfully organised under 17 international foot ball games " मरकज़-इ-फलाह के लिए ये बड़े फखर की बात है। मरकज़-इ-फलाह इस ऊसूल पे काम करता है।
"give a man fish and you feed him a day ,teach a man to fish and you feed him for life "
मरकज़-इ-फलाह गरीब औरतों के लिये बिना किस भेद भाव के ,पिछले २० साल से सिलाई क्लास successfully conduct करता आ रहा है ,अब तक ३५० -४०० औरतों ने डिप्लोमा हासिल किया है। कई ने सिलाई सीखने के बाद खुद का टेलरिंग का कारोबार भी शुरू कर दिया है। this is big achievement अल्हम्दोलीलाह।
markaz dignostic center ने well known company thyrocare के साथ tie up किया है, market rate से आधे दामों में हमारी lab में पाटोलॉजिकल टेस्ट conduct किये जाते हैं।आप सब से रिक्वेस्ट है के इस opportunity ज़्यादा से ज़्यदा फायदा उठायें।
मरकज़-इ-फलाह की जानिब से १० विधवा (widows ) को हर महीने पेंशन भी दी जाती है।
मार्का-इ-फलाह डिगनोस्टिक सेंटर की तरफ से medical camp organise किये जाते हैं ,कई १०० लोगों ने इस से फायदा भी उठाया है। स्कूली बच्चों के लिए मरकज़ की जानिब से councelling प्रोग्राम भी organise किये जातें हैं।
आप सब से रिक्वेस्ट हैं के मरकज़ के इन फलाही कामों में बाद चढ़ कर हिस्सा लें। आप सब से दुआ की दरख्वास्त है।
ईद की पेशगी मुबारकबाद।
आप को जान कर ख़ुशी होंगी इस साल १० वी में उज़ैर एक ग़रीब घर के बच्चे ने ८८% मार्क्स मिला कर मरकज़-इ-फलाह का नाम रोशन किया है। मरकज़े-इ-फलाह की मदद से बासित टोले ने M.B.A sports mana gement की degree D.Y.patil college से हासिल की थी। पिछले साल यही बासित "he was the member of team who successfully organised under 17 international foot ball games " मरकज़-इ-फलाह के लिए ये बड़े फखर की बात है। मरकज़-इ-फलाह इस ऊसूल पे काम करता है।
"give a man fish and you feed him a day ,teach a man to fish and you feed him for life "
मरकज़-इ-फलाह गरीब औरतों के लिये बिना किस भेद भाव के ,पिछले २० साल से सिलाई क्लास successfully conduct करता आ रहा है ,अब तक ३५० -४०० औरतों ने डिप्लोमा हासिल किया है। कई ने सिलाई सीखने के बाद खुद का टेलरिंग का कारोबार भी शुरू कर दिया है। this is big achievement अल्हम्दोलीलाह।
markaz dignostic center ने well known company thyrocare के साथ tie up किया है, market rate से आधे दामों में हमारी lab में पाटोलॉजिकल टेस्ट conduct किये जाते हैं।आप सब से रिक्वेस्ट है के इस opportunity ज़्यादा से ज़्यदा फायदा उठायें।
मरकज़-इ-फलाह की जानिब से १० विधवा (widows ) को हर महीने पेंशन भी दी जाती है।
मार्का-इ-फलाह डिगनोस्टिक सेंटर की तरफ से medical camp organise किये जाते हैं ,कई १०० लोगों ने इस से फायदा भी उठाया है। स्कूली बच्चों के लिए मरकज़ की जानिब से councelling प्रोग्राम भी organise किये जातें हैं।
आप सब से रिक्वेस्ट हैं के मरकज़ के इन फलाही कामों में बाद चढ़ कर हिस्सा लें। आप सब से दुआ की दरख्वास्त है।
ईद की पेशगी मुबारकबाद।
markaz iftar
रमजान के महीने और रोज़ो के लिए आप सब को शुभ कामनायें। मेरी आप लोगों से गुज़ारिश है।
ज़िन्दगी को रमजान जैसा बनालो
तो ईद मौत जैसी होंगी
यहाँ आने से पहले इस शहर नवी मुंबई की एकता ,मोहबत ,अमन की खुशबु मुझ तक बहुत पहले पहुँच गयी थी। आज स्टेज पर एक साथ बैठे अलग अलग धर्म गुरु ,को देख कर यक़ीन आगया के इस शहर को जैसा सुना था उस से बढ़ का पाया । किसी शायर ने ईसि मौके के लिए क्या खूब कहा है।
चमन में इख़्तेलाफ़े (difference ) रंग व बू से बात बनती है
हमी हम है तो क्या हम हैं ,तुम्ही तुम हो, तो क्या तुम हो
यानि बाग (garden ) में एक ही रंग colour के फूल खिले हो तो बात नहीं बनती। बात उस् वक़्त बनती है जब हर रंग ,हर खुशबु के फूल बाग़ में खिले हो। यही बात हिंदुस्तान के लिए कही जा सकती है जहाँ , सब ज़ात ,धर्म ,मज़हब के लोग एक साथ प्यार मोहब्बत से रहते हैं ।
मरकज़-इ-फलाह नेरुल और नेरुल पुलिस स्टेशन के माध्यम से २० वर्षों से कामयाबी के साथ इफ्तार के इस प्रोग्राम को आयोजित किया जाता है ,जान कर खुशी हुयी। मोहबत ,अमन ,भाई चारगी का ये वातावरण हमेशा बना रहे ईश्वर से यही प्रार्थना है।
आप सब को ईद की एडवांस में मुबरकबाद इस दुआ के साथ
ये दुआ मांगते है हम ईद के दिन
बाक़ी न रहे आप का कोई ग़म ईद के दिन
आप के आँगन में उतरे हर दिन ,ईद की तरह
और महकता रहे फूलों से चमन ईद के दिन
ज़िन्दगी को रमजान जैसा बनालो
तो ईद मौत जैसी होंगी
यहाँ आने से पहले इस शहर नवी मुंबई की एकता ,मोहबत ,अमन की खुशबु मुझ तक बहुत पहले पहुँच गयी थी। आज स्टेज पर एक साथ बैठे अलग अलग धर्म गुरु ,को देख कर यक़ीन आगया के इस शहर को जैसा सुना था उस से बढ़ का पाया । किसी शायर ने ईसि मौके के लिए क्या खूब कहा है।
चमन में इख़्तेलाफ़े (difference ) रंग व बू से बात बनती है
हमी हम है तो क्या हम हैं ,तुम्ही तुम हो, तो क्या तुम हो
यानि बाग (garden ) में एक ही रंग colour के फूल खिले हो तो बात नहीं बनती। बात उस् वक़्त बनती है जब हर रंग ,हर खुशबु के फूल बाग़ में खिले हो। यही बात हिंदुस्तान के लिए कही जा सकती है जहाँ , सब ज़ात ,धर्म ,मज़हब के लोग एक साथ प्यार मोहब्बत से रहते हैं ।
मरकज़-इ-फलाह नेरुल और नेरुल पुलिस स्टेशन के माध्यम से २० वर्षों से कामयाबी के साथ इफ्तार के इस प्रोग्राम को आयोजित किया जाता है ,जान कर खुशी हुयी। मोहबत ,अमन ,भाई चारगी का ये वातावरण हमेशा बना रहे ईश्वर से यही प्रार्थना है।
आप सब को ईद की एडवांस में मुबरकबाद इस दुआ के साथ
ये दुआ मांगते है हम ईद के दिन
बाक़ी न रहे आप का कोई ग़म ईद के दिन
आप के आँगन में उतरे हर दिन ,ईद की तरह
और महकता रहे फूलों से चमन ईद के दिन
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