TED Talk platefarm से शाह रुख खान ने दिलों में घर कर जाने वाली गुफ्तगू की। उनोह ने कहा "आप अपनी ताक़त का इस्तेमाल दीवारें खड़ी करने और लोगों को बाहर रखने के लिए कर सकते हैं या आप इस का इस्तेमाल रुकावटों को दूर करने और लोगों को well come (खुश आमदीद ) कहने के लिए भी कर सकते हैं। आप अपने अक़ीदे का इस्तेमाल लोगों को डराने और दहशत दिलाने के लिए कर सकते हैं , या फिर इस का इस्तेमाल लोगों को हौसला दिलाने और उनेह रोशन ख़याली के उरूज (pinnacle ) तक ले जाने के लिए कर सकते हैं।
नफरतों की दीवार खड़ी करना ,लोगों को आपस में लड़ाना आसान है। आप की वाह वह होंगी सर पर बिठाया जायेगा। शायद आप को अच्छा ओहदा मिल जाये ,दौलत मिल जाये लेकिन आप दिल के सुकून से महरूम होजायेंगे , रातों की नींदें उजड जाएँगी। लोगों के ग़म में शरीक हो कर देंखें ,किसी की दुखी आँख से आँसूं पोंछ कर देंखें रूह शाद (खुश) होजायेंगी
महावीर, गौतम बौद्ध , राम ,नानक ,कबीर ,ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ,निज़ामुद्दीन औलिया इसी हिन्दुस्तांन की मिटटी में पैदा हुवे थे।उनका पैग़ाम था लोगों को जोड़ना ,ग़रीबों ,दुख्यारियों के आंसूं पोछना। उनके लंगर से क़ोई भूका नहीं जा सकता था। क्यूं सदियां गुज़रने बाद भी लोग उनेह भूल नहीं सके।
आज का दौर Materialistic चीज़ों को हासिल करने लगा है। सब कुछ होने के बाद खालीपन का अहसास है। दुनिया की हर चीज़ हासिल सुकून नदारद। हम खुद इन चीज़ों के ज़िम्मेदार है। हज़ारों किसान थोड़े से क़र्ज़ के लिए आत्मा हत्या कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो justin Bieber के ठुमके देखने के लिए ६५००० रुपये बर्बाद करने को तैयार हैं। कहा जात्ता है उस ने तो खुद गाया भी नहीं सिर्फ lip synchronize किया।press / media उन्हीँ बातों की highlight करती जहाँ से पैसा और publicity मिलती हैं।आज दुनिया एक मसीह की इंतज़ार में है। जो लोगों के रिस्तें ज़ख्मों पर मरहम रख सके। भले बुरे की तमीज बता सके। भटके हुवूं को रास्ता बता सके। वरना दहशत गर्दी ,क़त्ल खून से दुनिया तबाही के दहाने तक पहुँच जाएँगी।
महावीर, गौतम बौद्ध , राम ,नानक ,कबीर ,ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ,निज़ामुद्दीन औलिया इसी हिन्दुस्तांन की मिटटी में पैदा हुवे थे।उनका पैग़ाम था लोगों को जोड़ना ,ग़रीबों ,दुख्यारियों के आंसूं पोछना। उनके लंगर से क़ोई भूका नहीं जा सकता था। क्यूं सदियां गुज़रने बाद भी लोग उनेह भूल नहीं सके।
आज का दौर Materialistic चीज़ों को हासिल करने लगा है। सब कुछ होने के बाद खालीपन का अहसास है। दुनिया की हर चीज़ हासिल सुकून नदारद। हम खुद इन चीज़ों के ज़िम्मेदार है। हज़ारों किसान थोड़े से क़र्ज़ के लिए आत्मा हत्या कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो justin Bieber के ठुमके देखने के लिए ६५००० रुपये बर्बाद करने को तैयार हैं। कहा जात्ता है उस ने तो खुद गाया भी नहीं सिर्फ lip synchronize किया।press / media उन्हीँ बातों की highlight करती जहाँ से पैसा और publicity मिलती हैं।आज दुनिया एक मसीह की इंतज़ार में है। जो लोगों के रिस्तें ज़ख्मों पर मरहम रख सके। भले बुरे की तमीज बता सके। भटके हुवूं को रास्ता बता सके। वरना दहशत गर्दी ,क़त्ल खून से दुनिया तबाही के दहाने तक पहुँच जाएँगी।
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