बुधवार, 20 मई 2015

Ruhi

रूही का अरबी में मतलब होता है "खुशबु फैलानी वाली" या "खुशबु लेकर चलने वाली " अब्बा का इंन्तेक़ाल रूही की पैदाइश से कुछ महीने पहले होगया था।  लेकिन उन्हें रूही की खुशखबरी मिली थी और मुझे याद है उनोह ने बहुत दुआएं भी की थी।
    मुस्लिम समाज में तालीम के तालुक से जो बेपरवाही बरती जाती है अल्हम्दोलीलाः रूहिं ने  साबित कर दिया के लड़कियां भी कुछ काम नहीं होती। उस ने जिस जाँफ़िशानी से B.Commerce और फिर M.Commerce किया और वह भी नवी मुंबई की बहेतरीन कॉलेज से। survey  से पता चलता है के मुस्लिम मआशरे में हिंदुस्तान में १% से भी काम लड़कियां post gradute हो पाती है। अल्हम्दोलीलाः हमारे खानदान के लिए रूही का इक़दाम संग मील (mile stone ) की हैसियत रखता है।

            कुछ इस तरह से तै की है हम ने अपनी मंज़िलें
             गिर पड़े गिर के उठे उठ के चलें
    ख़्वाब तो सब ही देखतें है ख्वाबों में रंग भरना सब को नहीं आता। जावेद और यास्मीन ने जिस तरह बच्चों की परवरिश की काबले तहसीन है। जावेद का सालों घर से दूर रहना सिर्फ इस लिए ,के हलाल रोज़ी का हुसूल हो सके। यास्मीन का जावेद की ग़ैर हाज़री में बच्चों की तरबियत ,अखलाक़ की निगहदाश्त और बेहतरीन अदारों में बच्चियों की तालीम ,घरेलू मामलों में बच्चियों  की तरबियत का सहरा यास्मीन के सर जाता है। रूही का post graduate होना,सदफ का pillai कॉलेज से MBA होना,इस शादी की तैयारियों में पूरी तौर पर उस ने अपनी डिग्री का सबूत पेश कर दिया। ईशा भी उसके  नाम की तरह (दिन की आखरी नमाज़ ) माशाअल्लाह  नवी मुंबई की बेहतरीन स्कूल Father Agnel से  10th का Exam appear कर चुकी है और अब pilot बनने के सपने देख रही है और इंशाल्लाह आज के तरक्क़ी याफ्ता दौर में कोई मुश्किल बात नहीं। अल्लाह उस के तमाम सपनों में हकीकत का रंग भर दे आमीन।
     अल्लाह के रसूल की सच्ची हदीस है के जिस ने तीन लड़कियों की पैदाइश पर ख़ुशी मनाई ,उन की अछि तरबियत की और उनेह अछे खानदान में बियाह दिया वह जन्नत का मुस्तहक़ हो गया। और ग़ालिबन आप SAS   कहा था की मेरे
और उन वालिदैन के दरमियान दो उँगलियों की क़ुरबत का फासला होंगा। यक़ीनन जावेद और यास्मीन जन्नत के
मुस्तहक़ हो गए।
     माशाअल्लाह रूही को शुएब की सूरत में बेहतरीन शरीक हयात मिला है जो BE /MBA है और बेहतरीन पोजीशन में
जॉब कर रहा है। और अच्छे खानदान का चश्म चिराग़ है। अल्लाह से दुआ गो हूँ के रूही के तमाम ख़्वाब हकीकत का रंग लेले ,मुस्तक़बिल रोशन हो और शादी शुदा ज़नदगी रश्के मालयक हो ,आमीन सुम्मा आमीन।

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