सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

quran

 मिटाना इस को दुनिया से कोई आसान थोड़ी है 

अरे नादान किसी इंसान का फरमान थोड़ी है 

किताबें आज भी दुनिया में हैं बे इन्तहा मौजूद 

मगर क़ुरान से आला किसी की शान थोड़ी है 


مٹانا اس کو دنیا سے کویی آسان تھوڑی ہے 

ارے نادان کسی انسان کا فرمان تھوڑی ہے 

کتابیں آج بھی دنیا میں ہیں بے انتہا موجود 

مگر قرآن سے اعلی کسی کی شان ٹھوڈی ہے 

khiraje aqeedat

                                                      

Late  Haji Hismoddin
            Born : 11th May 1957      Death :  Saturday 11th October 2025 (18th Rabi Ul Sani )

                               क्या लोग थे जो रहे वफ़ा से गुज़र गए 

                                जी चाहता है नक़्शे क़दम चूमते चल

      11th October 2025 रिश्तेदारों के सभी ग्रुप्स में हाजी हिसामुद्दीन की मौत की अफसोसनाक खबर  पढ़ी ,heart attack वजह बताई गयी। उस से पहले मखदूम अली सय्यद जो उनसे सालों से नज़दीक थे मुझे ये खबर सुनाई।  माशाल्लाह शजरे नस्ब भी उज़ैर सैयद ने सब ग्रुप्स में डाला। हसीन और J G Shaikh साहब के मरहूम हाजी हिसामुद्दीन पर लिखे खिराजे अक़ीदत पढ़ने को मिले। ४ बजे शाम तद्फीन की खबर भी मिली। जावेद अहमद  मेरा छोटा भाई और में  नेरुल से ४ बजे  शाम रहेजा कॉप्लेक्स पहुंचे, बताये वक़्त पर जनाज़ा उठाया गया। 

                                   हमारे गांव में छप्पर भी सब मिल कर उठाते हैं 

                                    तुम्हारे शहर में मय्यत को कोई कन्धा नहीं देता 

    कल्याण  शहर वालों ने ऊपर के शेर को ग़लत साबित कर दिया। कल्याण के रिश्तेदारों की मोहब्बत थी घर से क़ब्रस्तान तक कांधो जनाज़ा टेकड़ी क़ब्रस्तान पहुंचा। रस्ते में जनाज़े को देख कर तमाम ट्रैफिक अक़ीदत से रुक गया ,जनाज़े को राह दी। क़ब्रस्तान में असर बाद 13 सफों में जनाज़े की नमाज़ अदा की गयी। तद्फीन में भी सभी लोग शरीक रहे  मरहूम के जन्नती होने का सबूत मिल गया। 

                                     वह फूल सर चढ़ा जो चमन से निकल गया 

                                      इज़्ज़त उसे मिली जो वतन से निकल गया 

           मरहूम हाजी हिसामुद्दीन ने वतन से हिजरत की कल्याण में रहे। काफी स्ट्रगल रही। हसींन साहब ने लिखा है उनोंह ने कल्याण स्टेशन पर गोलियां ,बिस्कुट भी बेचे। 

           मरहूम  हिसामुद्दीन के गहरे दोस्त और  Bombay Mercantile Bank में उनके साथ काम कर चुके, अता करीम साहब ने बताया के मरहूम का ज़ियादा समय P Demello Road Bombay ब्रांच में हेड केशियर की पोस्ट पर काम करते गुज़रा। मरहूम का रिकॉर्ड भी बड़ा शानदार रहा। मरहूम हर दिल अज़ीज़ यूनियन लीडर थे।  अत करीम साहब ने बताया के मरहूम "बेस्ट स्पीकर रहे ,और जब वो स्पीच देते तो management हल जाती थी "

                                         दुनिया ने तजरुबात व हवादिस की शक्ल में  

                                          जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूँ में 

                  पिछले 30 सालों से ज़कात का एक शफाफ निज़ाम कल्याण में चलाने में मरहूम पेश पेश रहे। कल्याण में बेवाओं तक राशन पहचाने का सिलसिला हो या इक़रा फाउंडेशन की बुनियाद रखने में मरहूम हीसमोद्दीन ने बड़ी मदद की अपनी पिछले तजुर्बात का भरपूर फायदा उठाया। रिश्तेदरों में तालीम के उन्वान पर काम करने में हमेशा गरमजोशी दिखाई। हश्र में कुछ लोग अल्लाह के अर्श के साये तले होंगे जिनोह्णे यतीमों ,बेवाओं की खबर गिरी अपनी ज़िन्दगी में की होंगी। अल्लाह के दुआ गो हूँ मरहूम हाजी हिसामुद्दीन को अपनी जवारे रहमत में जगह अता करे आमीन। अल्लाह उनकी अहलिया रुखसाना भाबी ,उनकी औलाद मेह लका ,नीलोफर ,अज़हरुद्दीन और मज़हर को सबरे जमील अता करे। इस दिलख़राश सानेह से उभरने की ताक़त अता करे। आमीन ,सुम्मा आमीन 

      

            

गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

LETTER T O INQUILAB

                                                                              قابل تحسین   

مکرمی 

کینیڈا میں تھا آن لائن پڑھنے کا موقع مل رہا تھا ، کافی عرصے بعد ہارڈ کاپی کی شکل میں انقلاب پڑھنے کا موقع ملا انقلاب ایک میعاری روزنامہ تو ہے ہی لیکن جس طرح اجلے اجلے صفحوں پر بہترین چھپایی کے ساتھ نیے گیٹ اپ میں دیکھنے کو ملا زبان سے واہ واہ نکل پڑی -انقلاب مینجمنٹ ،ایڈیٹر اور تمام اسٹاف کو تہے دل سے مبارکباد -اردو کی بقا کے لئے ایک اچھے نیوز پیر کی اہمیت ہے جو انقلاب نے پوری کر دی 

راغب احمد شیخ 

نیرول (نوی ممبئی )

                                  

सोमवार, 29 सितंबर 2025

Salgirah Mubarak Mohammed Rafik Patel Saheb

                                               

Mohammed Rafik Patel celebrating 64th birth day

               


                                           

                               जाने वो किसे लोग थे जो मिल के एक बार 

                               नज़रों में जज़्ब (absorb ) होगये दिल में उतर गये 

       मुहम्मद रफीक पटेल साहेब आप की शख्सियत (personality ) बयान करने के लिए यही एक शेर काफ़ी है। (कुछ लोग एक बार मिल कर दिल को भा जाते हैं। सालगिरह की ढेरों सारी मुबारकबाद। नेक ख़्वाहिशात। आप की स्ट्रगल की कहानी आप और नूतन भाभी की ज़बानी जान कर एक शेर याद आ रहा है। 

                                तै की है कुछ तरह हम ने अपनी मंज़िलें 

                                 गिर पड़े गिर के उठे उठ के चले 

        आप की fitness सुब्हान अल्लाह ,अल्लाह  बुरी नज़र से बचाये। मुझे गुमान हो रहा है ये आप की 64 वी नहीं बल्कि 46 वी वर्ष गाँठ है। पहाड़ो पर फुर्ती से चढ़ जाना  Minnewanka लेक में एक्सपर्ट स्वीम्मर की तरह तैरना। driving  में भी जनाब को महारत हासिल है ,एक वक़्त में ६५० किलोमीटर ड्राइविंग करके थकते नहीं। रात के समय भी आराम से ड्राइविंग कर लेते है  आपकी अपने वतन और माँ  से गहरी मुहब्बत के लिए कैफ़ी आज़मी की एक शेर पेश है। 

                                ग़ुरबत की ठंडी छाव में आयी वतन की याद 

                                 क़द्रे वतन हुयी हमें तरके वतन के बाद 

             वतन से दुरी ,आराम की ज़िन्दगी गुज़ार कर भी मेरे दिल में अपने मुल्क ,देश और अपनी माँ की याद हमेशा साथ रहती है। 

             आप का बहुत बहुत शुक्रिया आप ने हम दोनों husband और wife को एक नया सबक़ सिखाया, के बुढ़ापा इंसान की अपनी सोच है। हम दोनों की ज़िन्दगी में एक नया जोश एक नयी उमंग जगाने के लिए शुक्रिया ,

             सालगिरह मुबारक आप के लिए शेर अर्ज़ है 

                                        जहाँ रहे वो खैरियत के साथ रहे 

                                          उठाये हाथ तो ये दुआ याद आयी           

                                        




शुक्रवार, 19 सितंबर 2025

Cochrane Town History

Cochrane Town street

                                   

Cochrane's historic house

                             

                        Cochrane Town 

             Cochrane Town कैलगरी से ३५ KM दुरी पर है। इसे कैलगरी का suburb भी कहा जा सकता है। बहुत से लोग यहाँ से कैलगरी जॉब करने भी जाते है। छोटा सा क़स्बा जिस की कुल आबदी (population ) ४०,००० है। कनाडा में  हर शहर की history बड़े जतन से  संभाल कर रखी जाती है। हर पुरानी तारीखी इमारत के बाहर एक बोर्ड पर इमारत के बारे में मालूमात लिखी होती है।  १९०३ में  Cochrane की आबादी सिर्फ १५८ थी। 1971 यहाँ की आबादी 800 तक पहुंची 2025 के सर्वे में Cochrane (कोकरेन ) की आबादी ४०,000 बताई जाती है। शायद आबादी बढ़ाने के लिए बाहर से काफी लोगों को बुलाया गया है। यहाँ घूमते कई सिख सुमदाय के लोग दिखाई दिए ,पाकिस्तानी ,Chinese ,कोरियन,अफ्रीकन  मुल्कों के कई लोग यहाँ रहते नज़र आये। हर कोई अपने ट्रेडिशनल लिबास में रहता है। 

         Pub ,Bar ,Hotels ,Restaurants बड़ी तादाद में दिखे। ७ बजे शाम के बाद यहाँ सन्नाटा छा जाता है। टाउन के बीच  से ट्रैन गुज़रती है लेकिन सिर्फ Goods Train यहाँ आइस क्रीम की मशहूर दुकान है जो 175 साल पहले शुरू की  गयी थी। अब भी दूर दूर से लोग आ कर यहाँ आइसक्रीम खाने आते है। इस शॉप का नाम MACKAY`S  ICE CREAM शॉप है जिस की ईमारत अपनी ORIGINAL हालत में क़ायम है।  Ice cream का original टेस्ट भी १७५ पूराना बरक़रार (Maintain )  रखने की कोशिश की गयी है। 

       आप कनाडा के किसी शहर ,क़स्बे या गांव में चले जाये ,पूरानी शनाख्त ,पहचान को क़ायम रखने की अनथक कोशिश की गयी है। Banff हो  या Cochrane ,या कैलगरी लगता है आप १०० साल पुरानी बस्ती में घूम रहे है। अपनी मिटटी से यहाँ के वासियों को गहरा लगाव है। पूरानी तहज़ीब (संस्कृति) को बचाये रखना बहुत मुश्किल होता है  पुरानी इमारतों  को तोडना ,जगह के नाम चेंज करना बहुत आसान होता है। वही मुल्क आगे बढ़ते हैं जहाँ तहज़ीब को बचाया जाता है। 

                

Mackay`s Ice cream shop
175 year old Ice Cream Parlour

Old banglow history

Cochrane history


                                                                 
Hotel at Cochrane 
                                                                  
Cochrane

गुरुवार, 18 सितंबर 2025

khushbu jaise log mile

                                                                          खिराजे तहसीन 

इंग्लिश में एक कवाहत है "so much water has passed under the bridge " यानि बहुत सारा समय गुज़र गया है। 

सितम्बर २०२२ में जनाब हाजी हाफिज जावेद का खाका  (Caricature )लिखा था (उन से इंटरवीव लेकर ) लेकिन हाफिज जावेद का ये हाल है वह हर वक़्त मसरूफ अमल रहते हैं। बक़ौल डॉ इक़बाल 

                                                 में कहा रुकता हूँ अर्श व फर्श की आवाज़ से 

                                                 मुझ को जाना है बहुत ऊँचा हदे परवाज़ से  

        Dr वासिफ ने ISM MIDDLE EAST 2025 AT WORLD TRADE CENTRE से ली गयी कुछ फोटो नावेद अंजुम हाफिज जावेद की फॉरवर्ड की उनका ये जुमला मुझे बहुत पसंद आया "हर किसी ने अपना नस्बुलाइन  मुतय्यन (फिक्स )करके उस पर मुस्तकिल मसरूफ़े अमल रहना चाहिए कामयाबी ज़रूर मिलेंगी (इंशाल्लाह)। शायद यही बात इस खाके को दोबारा शाये करने के लिए  तहरीक  (INSPIRATION ) बनी । 


     दुबई इंटरनेशनल एक्सिबिशन में उन का वीडियो देख कर बहुत ख़ुशी हुयी। अल्लाह उनेह इसी खुद ऐतेमादि के साथ तरक़्की करने की तौफ़ीक़ अता करे आमीन। 

        खाका पेश खिदमत है। 

बुधवार, 17 सितंबर 2025

 

Khiraj-e-Aqeedat

                                                                  Tribute 

On September 17, 2025, corresponding to 25 th  Rabi'ul Awwal 1447, Aunt Aqila B. has departed from this mortal world.

I was 9 years old when my mother passed away - from that day on, khalaajaan (Aunt) took her place. I always saw her as curvy and weak, but the maternal kindness that I found in her personality is nowhere to be seen. 

Find the pearls of loyalty among the scattered people. 

          Aunt Jan was the epitome of sincerity and affection. I never saw her angry or upset. Whenever we met, she showered us with love and blessings. It was like a crime to return from her house without eating. 

         For Sajid Ahmed, Khalid Ahmed, Shabana and our sister-in-law, Ms. Nilofar, their departure from this world is like a great void, but all their children, with all their efforts, served her to the best of their ability until the end and accumulated wealth for themselves in the afterlife. 

        May Allah grant patience to the entire family and especially accept the services of Khalid Ahmed and Sayma and bless them in the Hereafter, Amen. 

We three brothers, Dr. Wasif Ahmed, Raghib Ahmed and Javed Ahmed, were blessed with the compassion and love that the late khala bestowed upon us and never let us feel the lack of our mother. May Allah Almighty grant the late khala the best reward. Amen. I am sure that she is from Paradise. May Allah grant the late mother a place in the highest place of Paradise, in His mercy. Amen.  

                           Sad 

                                      Dr. Wasif Ahmed  

                                               Ragheb Ahmed 

                                                 Javed Ahmed 

                                                  Family and relatives 

                      When I was young, I was in a very strong relationship with one person. 

                             If it breaks, the pieces can't be picked up anymore. 

                        Some people are needed at every turn. 

                             Some people are never removed from the heart.