गुरुवार, 25 जुलाई 2024

Ayeshah Shirazi

आयेशा शिराज़ी हमारे खानदान की  माशाल्लाह तीसरी पीड़ी  (Generation ) से ताल्लुक़ रखती है। शारिक और इरम शिराज़ी की औलाद है। शिराज़ी खानदान अमेरिका में रिहाइश पज़ीर हैं। आयेशा की पैदाइश अमेरिका में हुयी और वही तालीम हासिल कर रही है। जब १० साल के बच्चे मोबाइल और गेम्स में मसरूफ दिखाई पड़ते हैं ,अपना क़ीमती वक़्त बर्बाद करते हैं इतनी छोटी उम्र में  आयशा की बेहतरीन तहरीर (write up ) पढ़ कर दिल खुश होगया। कहा जाता है इस्लाम इंशाल्लाह अमेरिका से ज़िंदा (resurrect ) होगा इस का ज़िंदा सबूत आयेशा जैसे बच्चे हैं। 

         आज के दौर की सब से बड़ी tragedy है हालत से मासूसी।  और उस का solution है सब्र और अल्लाह की ज़ात पर दिल की गहराइयों से यक़ीन। आयेशा अगर इंडिया में होती तो में उसे ज़रूर इनाम (prize ) से नवाज़ता ,लेकिन हमारी दुवायें और नेक ख़्वाहिशात आयेशा के साथ हैं। शारिक शीराज़ी और इरम शिराज़ी को भी मुबारकबाद उनोहने अपनी औलाद की तरबियत पर सही तवज्जेह दी। 

            आयेशा से request है future में भी इसी तरह अपने बेहतरीन ख्यालात से हम सब को फायदा पहुंचाती रहूंगी। अल्लाह आप को उम्र दराज़ नसीब करें। 

Ayshah Shirazi:

Ayesha Shirazi write up below 

There will be many challenges in our lives where an immense amount of stress will be on us. In Islam, these challenges are here to test us and to see how well we would handle it. It  is not always easy. But as Muslims, we should always have patience and   faith that Allah SWT will help. We should make Dua and seek guidance during these hard times. No matter how hard the challenge is; if you have a positive mindset, then you will get a reward for your patience.

Thursday, July 25, 2024 Ayeshah Shirazi 

Ayesha Shirazi belongs to the third generation of our family. She is the  daughter of Shariq and Iram Shirazi. The Shirazi family is a resident of America. Ayesha was born in America and is receiving her education there. When 10 year old children are seen busy in mobile phones and games, wasting their precious time. It made my heart happy to read Ayesha's excellent write up at such a young age. It is said that Islam will resurrect from America Inshallah, children like Ayesha are the living proof of this.

The biggest tragedy of today's times is poverty. And its solution is patience and faith in the existence of Allah from the depth of the heart. If Ayesha had been in India, I would have definitely honored her with a prize, but our prayers and good wishes are with Ayesha. Congratulations to Shariq Shirazi and Iram Shirazi too, they paid proper attention to the upbringing of their children. It is a request to Ayesha that in the future too, she will continue to benefit us all with her wonderful thoughts. May Allah bless you with a long life.

सोमवार, 22 जुलाई 2024

letter to inquilab


                                                                   इन्किलाब में छपा लेटर 

                                  नफरत की सियासत करने वालो को सुप्रीम कोर्ट की फटका

कानोडिया यात्रा के रास्ते में खाने पीने की चीज़ें बेचने वाले होटलें ,ढाबे और ठेले के मालिकों को  उत्तर प्रदेश ,उत्तरा खंड और मध्य प्रदेश सरकार ने हुक्म जारी किया के वह अपने मालिकों के नाम के बोर्ड लगाए। महुआ मित्र की एन जी ओ ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस को सुन कर सुप्रीम कोर्ट ने इस हुक्म पर रोक लगा दी है। जस्टिस ऋषि केश रॉय ,जस्टिस अस वी एन भट्टी ने उत्तर प्रदेश और उत्तरा खंड हुकूमत को नोटिस जारी कर दिया है। जस्टिस भट्टी ने अपने फैसले में यहां तक कह दिया के वह केरला में रिहाइश के दौरान मुस्लिम रेस्टोरेंट में वेजेटेरियन खाना खाया करते थे जहाँ साफ़ सफाई इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड की हुवा करती थी। उत्तर प्रदेश हुकूमत के इस फैसले पर पुरे मुल्क में इन्साफ पसंद तबके ने सवाल उठाये हैं लेकिन योगी सरकार कब किसी की परवाह करती है। सुप्रीम कोर्ट के इस जुर्रत मंदाना  (bold )फैसले पर योगी सरकार को शर्मिंदगी उठाना पड़ी। क्या उत्तर प्रदेश सरकार होश के नाख़ून लेंगी ?

राग़िब अहमद 

नेरुल (नवी मुंबई )


रविवार, 21 जुलाई 2024

salgirah mubarak

                                                              शगुफ्ता रागिब सालगिरह मुबारक 

तुम्हारा साथ साथ फूलों का 

तुम्हारी बात बात फूलों की 

सालगिरह के इस हसींन मौके पर दिल की गहराइयों से सालगिरह की  मुबारकबाद। तुम्हारी सेहत तंदुरुस्ती  के लिए दिल से दुआ। हमेशा इसी तरह हँसतें मुस्कराते रहो।  आमीन 

रागिब अहमद 

 

रविवार, 7 जुलाई 2024

ये तेरा घर ये मेरा घर

आराम कुर्सी 

पानदान 
कंदील शमा दान 




                                                                          हुक़्क़ा 

                                                            ये तेरा घर ये मेरा घर 

      पुरानी तहज़ीब के साथ साथ उस तहज़ीब से जुड़े पानदान ,शमादान ,हुक़्क़ा ,कंदील ,आराम कुर्सी ,उगालदान कब से हम ने कबाड़िये को बेच दिए हैं या घर के किसी कोने में कबाड़ी सामान के साथ रख दिए है। शकील खान के घर ईद पर  जाने का इत्तेफ़ाक़ हुवा। शकील साहब और उन की मिसेस आमना भाभी ने पुरानी  तहज़ीब की  इन निशानियों को उजाल कर अपने ड्राइंग रूम को सजाया है। और उन की देख भाल में , अपने जी जान लगा दिए है। उनका घर ने एक म्यूजियम की शक्ल इख्तियार कर ली है। 
                                    तहज़ीब को तलाश न कर शहर शहर में 
                                    तहज़ीब खंडरों में हैं कुछ पथरों में है 
         शकील खान के घर पुरानी तहज़ीब के इन शाहकारों को  देख कर तबियत खुश होगयी और पुराने ज़माने की यादें ताज़ा हो गयी। मुस्तकबिल में अगर किसी को इन पुरानी (antique ) चीज़ों को देखनी की ख्वाहिश हुयी तो शकील खान का पता बता दूंगा। 
          पुराने ग्राम फ़ोन रिकॉर्ड की  उन चीज़ों के दरमियान घर में कमी महसूस हुयी ,कही मिल जाएंगा तो  उनेह तोहफा में  दे दूंगा। 

शनिवार, 6 जुलाई 2024

आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा


                                                            With Shahbaz Ali Sayyed              

                 

                            At L&T complex Garden with liyaqat Ali Sayyed

                                                         जिस दिन से चला हु मेरी मंज़िल पे नज़र है 

                                                         आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा 

           मील का पत्थर मतलब mile stone  शहबाज़ का मतलब होता है ,शाहीन या बड़ा शिकारी परिंदा ऊपर लिखा शेर शाहबाज़ अली सय्यद की ज़िन्दगी पर सादिक़ आता है ,। वालिद शेर अली और वालिदा रोशन  की नाज़ नेमत में पली ,पहली औलाद शहबाज़। मुझे अछि तरह याद है 1983 साल में वालिद इंस्पेक्टर शेर अली सय्यद ने जिस धूम धाम से शहबाज़ अली सय्यद और साजिद अली सय्यद की बिस्मिल्ला का जश्न बरपा किया था ,नेहरू नगर कुर्ला में दोनों बच्चों को घोड़ो पर सवार बैंड बाजे म्यूजिक के साथ पुरे इलाक़े में घुमाया था। माशाल्लाह तमाम रिश्तेदारों को इस प्रोग्राम में खास दावत दे कर बुलाया था एक तारीखी हैसियत रखता है। मेरी नयी नयी शादी हुयी थी शगुफ्ता और मुझे भी इस तक़रीब (प्रोग्राम ) में दावत दे कर बुलाया गया था और हम शरीक भी हुए थे। 

                                                            ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं 

                                                             तुम ने मेरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा      

          साल २००० में अचानक एक हादसे में  इंस्पेक्टर शेर अली सय्यद इस दुनिया से रुखसत हो गए। शायद शहबाज़ ने 12th का exam दिया था और सोमैया कॉलेज में BSc में एडमिशन भी लिया था। अच्छों अच्छों के हवास गम होगये थे। अकल काम नहीं कर रही थी। उस समय शहबाज़ पर अपने वालिद की वफ़ात पर क्या गुज़री होंगी ,हम जान सकते हैं। इस हादसे ने शहबाज़ अली को एक दिन में खलंडरे नौजवान से संजीदा मतीन शख्स में बदल दिया। उसके पीछे भाभी रोशन और चचा लियाक़त भी चट्टान की तरह खड़े रहे। शहबाज़ ने मर्चेंट नेवी ज्वाइन कर ली। कई कई साल शिप पर लगातार घर से  दूर ड्यटी करता रहा। कई exams पास किये ,Captain की वर्दी हासिल की। बहन की शादी करवाई। अपना घर बसाया और माशाल्लाह उसे नीलो की शक्ल में बा वफा शरीक हयात मिली। अपने तीनो औलादों की परवरिश और बेहतरीन तालीम के लिए लगातार कोशिशों में दोनों लगे हैं। इस दौरान शाहबाज़ अली ने ग़रीब रिश्तेदारों का भी काफी ख्याल रखा। सय्यद शेर अली और भाभी ने जो तालीम उसे दी थी और जिस पुख्ता किरदार में उसे देखना चाहा था उसपर वो पूरा उतरा। 

                                                           राहों की ज़हमतों (तकलीफों )का तुम्हे क्या सुबूत दूँ 

                                                            मंज़िल मिली तो पाँव के छाले नहीं रहें 

          इक्कीसवीं सदी के खूबसूरत शहर नेरुल में  L & T काम्प्लेक्स जो बेहतरीन facilities के साथ बना है।  Swimming Pool ,क्लब ,खूबसूरत मॉल,बँकेट हॉल  और sea wood स्टेशन पर ये complex नई मुंबई में अपनी एक मिसाल है। आज दिल से ख़ुशी भी हो रही है और दुवायें निकल रही हैं। Captain शाहबाज़ ने  L & T काम्प्लेक्स में अपने फ्लैट का possession ले कर हम सब को अपनी खुशियों  में शरीक करने के लिए दावत दे कर ऐज़ाज़ (इज़्ज़त ) बख्शा है। अल्लाह शाहबाज़ को बे इंतेहा तर्रकी अता करे। भाभी को उसके सर पर सलामत रखे। उसकी औलाद का मुस्तक़बिल रोशन करे। आमीन सुम्मा आमीन। 

          रिश्तेदार के हर बच्चे के लिए शाहबाज़ अली सय्यद की ज़िन्दगी एक मिसाल की हैसियत रखती है। सबक़ सीखे अपनी ज़िन्दगी में हमेशा जद्दो जहद में लगे रहे ,कामयाबी ज़रूर क़दम चूमेंगी। 

                                                                 खुदा ने आज तक उस क़ौम की हालत नहीं बदली 

                                                                 न हो जिसको ख्याल अपनी हालत के बदलने का