कम से कम इतना तो मुअत्तर (खुशबूदार ) हो इंसा का वजूद
घर से निकले तो पडोसी को भी खुशबु आये
सैयद सुहैल और उनके वालिद मुहम्मद हनीफ सैयद इत्र का कारोबार करते हैं। लोगों को महकाते हैं। नयी मुंबई में उनकी इत्र
की दूकान सी वुड (ईस्ट ) में स्टेशन के नज़दीक है। हनीफ सय्यद साहब को इत्र का कारोबार करते पचास साल होगये हैं। जनाब खुशबु के टॉपिक पर घंटों बात कर सकते हैं। उनेह इत्र से दिली मोहब्बत है। ये उनका passion है। जब छोटी शीशी से बड़ी शीशी में इत्र भरते हैं इस नज़ाकत से भरतें हैं के इन बूँद भी गिरने नहीं पाती। फिर शीशी को साफ़ चमकते है। उनकी इस नज़्ज़ाक़त पर शायर ने उनिह के लिये कहा है।
उन से ज़रूर मिलना सलीक़े (organised )के लोग हैं
सर भी कलम (काटना ) करेंगे बड़े अहतमाम (नज़ाकत ) से
शाह रुख का एक जुमला मुझे बहुत पसंद है " अपने पेशे को अपना शौक बनालो " सय्यैद सुहैल और हनीफ सैय्यद इसी
उसूल पर काम करते है। शायाद इसी लिए उनके बिज़नेस में इतनी बर्कत है। नयी मुंबई के खुशबू के शौक़ीन लोगों के लिए १ अक्टूबर २०१७ को नयी शॉप sea wood grand mall ,lower ground S -68 में शुरू की है। यहाँ इत्र ,spray ,लोबान ,बख़ूर हर किस्म की खुशबू मिलती है। खुशबू का इस्तेमाल सुन्नत है ,अल्लाह से दुआगो हूँ के सैय्यद साहेबान के इस कारोबार में दिन दुगनी ,रात चौगनी तरक़्की हो। आमीन सुम्मा आमीन।
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