सोमवार, 19 सितंबर 2016

VRSCCL kal aur Aaj

२० साल पहले जब में ने अपनी ऑफिस इ-२०९ वाशी स्टेशन का possession लिया था लोग मुझे दीवाना कहते थे। वाशी स्टेशन की ईमारत खंडर सी नज़र आती थी। ईमारत पर वीरानी छायी रहती। काम्प्लेक्स का मेंटेनन्स  सिड़को के पास था।  भूल से सफाई होजाती थी। जगह जगह सिगरेट  के  टुकड़े ,शराब की खाली बोतलें ,कंडोम के पैकेट ,पान की पीक नज़र आती। सिक्योरिटी ग़ायब।  टॉयलेट गन्दी ,यहाँ तक वहां से शीशे और नल तक चुरा लिए जाते थे। किरायेदर का मिलना नामुमकिन। उन दिनों में अपनी ओफ़ीस किराये पर देना चाहता था मुश्किल से एक आदमी २००० हज़ार रुपए महीना देने पर राज़ी हुवा। बिल्ली जब छछुंदर निगल लेती है न निगल सकती है न उगल सकती है। कई साल ऑफिस खाली रखी,  मैंटेनैंस पावर बिल जेब से अदा करता रहा।
   पिछले तीन सालों में वाशी स्टेशन काम्प्लेक्स की काया पलट गयी है। VRSCCL की कमांड मेरे प्रिय मित्र राजेंद्र पवार ,कर्नल अनवर उमर सर  ,मनोज शाह,राज ठाकुर , ऍम आर सिद्दीकी अपने हाथों में ले ली है। पुरानी हिंदी फ़िल्में देखि थी किस तरह अलाउद्दीन का जादुई जिन चिराग़ घसते ही हुक्म की तामील करता था।  वो ज़माने बीत गए चर हमारे VRSCCL के  chairmam / Directors  ने दिन रात महनत की ,रातोँ की नींद हराम की ,लोगों की गालियां खायी। anauthorised occupation हटाना नामुमकिन है उनोह ने कर दिखाया। maitenance dues निकलना हलक़ में ऊँगली डालने जैसा है ,आप मुबारकबाद के क़ाबिल है आप ने कर दिखाया।
में अकेला ही चला था जानिबे मंज़िल मगर
लोग आते गए और कारवाँ बनता गया
    Aaj vashi station complex की ईमारत पर लहलहाते गार्डन है।,चमकती फर्श ,टॉप सिक्योरिटी ,video cameres , wi fi facility ,और future के लिए solar power ,rain water harwesting ,fountains की दूरसरती। हम सब की तरफ से best wishes . शहंशाह अकबर फ़तह पुर सिकरी को छोड़ कर चला गया था। chairman /Directors मुबारकबाद के काबिल है आप लोगों ने वाशी स्टेशन काम्प्लेक्स में नयी जान दाल दी। VRSCCL के ख़ज़ाने भर दिए। आप  की टीम आगे बढे हम सब आप के साथ हैं। 

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