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Late Haji Hismoddin |
Born : 11th May 1957 Death : Saturday 11th October 2025 (18th Rabi Ul Sani )
क्या लोग थे जो रहे वफ़ा से गुज़र गए
जी चाहता है नक़्शे क़दम चूमते चल
11th October 2025 रिश्तेदारों के सभी ग्रुप्स में हाजी हिसामुद्दीन की मौत की अफसोसनाक खबर पढ़ी ,heart attack वजह बताई गयी। उस से पहले मखदूम अली सय्यद जो उनसे सालों से नज़दीक थे मुझे ये खबर सुनाई। माशाल्लाह शजरे नस्ब भी उज़ैर सैयद ने सब ग्रुप्स में डाला। हसीन और J G Shaikh साहब के मरहूम हाजी हिसामुद्दीन पर लिखे खिराजे अक़ीदत पढ़ने को मिले। ४ बजे शाम तद्फीन की खबर भी मिली। जावेद अहमद मेरा छोटा भाई और में नेरुल से ४ बजे शाम रहेजा कॉप्लेक्स पहुंचे, बताये वक़्त पर जनाज़ा उठाया गया।
हमारे गांव में छप्पर भी सब मिल कर उठाते हैं
तुम्हारे शहर में मय्यत को कोई कन्धा नहीं देता
कल्याण शहर वालों ने ऊपर के शेर को ग़लत साबित कर दिया। कल्याण के रिश्तेदारों की मोहब्बत थी घर से क़ब्रस्तान तक कांधो जनाज़ा टेकड़ी क़ब्रस्तान पहुंचा। रस्ते में जनाज़े को देख कर तमाम ट्रैफिक अक़ीदत से रुक गया ,जनाज़े को राह दी। क़ब्रस्तान में असर बाद 13 सफों में जनाज़े की नमाज़ अदा की गयी। तद्फीन में भी सभी लोग शरीक रहे मरहूम के जन्नती होने का सबूत मिल गया।
वह फूल सर चढ़ा जो चमन से निकल गया
इज़्ज़त उसे मिली जो वतन से निकल गया
मरहूम हाजी हिसामुद्दीन ने वतन से हिजरत की कल्याण में रहे। काफी स्ट्रगल रही। हसींन साहब ने लिखा है उनोंह ने कल्याण स्टेशन पर गोलियां ,बिस्कुट भी बेचे।
मरहूम हिसामुद्दीन के गहरे दोस्त और Bombay Mercantile Bank में उनके साथ काम कर चुके, अता करीम साहब ने बताया के मरहूम का ज़ियादा समय P Demello Road Bombay ब्रांच में हेड केशियर की पोस्ट पर काम करते गुज़रा। मरहूम का रिकॉर्ड भी बड़ा शानदार रहा। मरहूम हर दिल अज़ीज़ यूनियन लीडर थे। अत करीम साहब ने बताया के मरहूम "बेस्ट स्पीकर रहे ,और जब वो स्पीच देते तो management हल जाती थी "
दुनिया ने तजरुबात व हवादिस की शक्ल में
जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूँ में
पिछले 30 सालों से ज़कात का एक शफाफ निज़ाम कल्याण में चलाने में मरहूम पेश पेश रहे। कल्याण में बेवाओं तक राशन पहचाने का सिलसिला हो या इक़रा फाउंडेशन की बुनियाद रखने में मरहूम हीसमोद्दीन ने बड़ी मदद की अपनी पिछले तजुर्बात का भरपूर फायदा उठाया। रिश्तेदरों में तालीम के उन्वान पर काम करने में हमेशा गरमजोशी दिखाई। हश्र में कुछ लोग अल्लाह के अर्श के साये तले होंगे जिनोह्णे यतीमों ,बेवाओं की खबर गिरी अपनी ज़िन्दगी में की होंगी। अल्लाह के दुआ गो हूँ मरहूम हाजी हिसामुद्दीन को अपनी जवारे रहमत में जगह अता करे आमीन। अल्लाह उनकी अहलिया रुखसाना भाबी ,उनकी औलाद मेह लका ,नीलोफर ,अज़हरुद्दीन और मज़हर को सबरे जमील अता करे। इस दिलख़राश सानेह से उभरने की ताक़त अता करे। आमीन ,सुम्मा आमीन