IKF के चार साल
पत्थर सुलग रहे थे कोई नक़्शे पा न था
हम जिस तरफ चले थे कोई रास्ता न था
IKF की इस्टैब्लिशमेंट की चौथी सालगृह सब मेंबर्स को मुबारक। अक्सर देखा गया है चार साल में दरख्त फल देना शुरू कर देते है। हमारी IKF भी मज़बूत से मज़बूत तर होती चली गयी। ५०० से ज़ियादा मेंबर्स माशाल्लाह ट्रस्ट को तक़वियत दे रहे हैं। ट्रस्ट की रजिस्ट्री सब से बड़ा मज़बूत क़दम है। ज़कात का मुन्तज़िम निज़ाम बेहतरीन तरह से क़ायम हो गया है ,पहले ही साल मुनज़्ज़िम तरीके से नाफ़िज़ होना क्या कहने!
कुछ सुझाव है जो अपने ज़ाती तजुर्बे से हासिल हुए है ,उम्मीद करता हूँ पसंद आयेंगे।
१. IKF के सदक़ा बॉक्सेस हर मेंबर तक पहुचाये जाएँ। में ने अपने घर में एक बॉक्स IKF के लिए वक़्फ़ कर रखा है और हर महीने कुछ रक़म पाबंदगी से IKF को ट्रांसफर करता रहता हु।
२. जिन रिश्तेदारों को स्कालरशिप दी जा रही है उनके पिछले साल के रिजल्ट्स ज़रूर मंगवाए जाये ,उन का रेकर्ड रखा जाये।
३. जो स्टूडेंट्स Graduate /post Graduate हो चुके हैं उनकी मुक़म्मिल तफ्सील के साथ booklet बनायीं जाये।
IKF की तरक़्क़ी के लिए दुआ नेक ख्वाहिशात (आमीन )
रागिब अहमद शैख़
EX PRESIDENT
IKF
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