शनिवार, 26 जनवरी 2019

70th republic day






Saturday, January 26, 2019


(70th Republic Day)

Super power America has shut down  for a month, perhaps there  is fault in their constitution. Our neighboring country Pakistan got independence with us, our democracy has been strengthened in the last 70 years, we have matured day by day, Pakistan has been immersed  in chaos day by day, now Pakistan has started to be known as the failed State, perhaps there was a huge fault in their constitution; There is nothing called constitution in china, people work like robots. Our constitution has been created by intellectuals with great strength, great potential. Dr. Ambedkar, Jawaharlal Nehru, Sardar Vallabh Bhai Patel, Abul Kalam Azad, Rajendra Prasad have laid the foundation of such a beautifully constructed constitution. It can not be completely changed, people have the freedom to eat  practice religion, never shuts down. There are honest courts. Elections are free and fair , there is  transparency and the results are announced on the second day. People want to come to India to learn election procedures from all over the world.In  Super power America  elections  are still conducted by  ballet papers, and results are many days long to be announced.
      Talking about Indira Nooyi being the President of the World Bank, Kamala Haris, who is an Indian origin, has been nominated for the American President ship. Future is ours. Nobody can stop  becoming a super power, the condition is that Do not hate the other by creating the basis of religion, eating food, do not die of hunger, every Hindustani should be given basic health facility, Basic education is provided  to every Indian.






70 योमे जम्हुरिया (70th Republic Day )

                                                      70 योमे जम्हुरिया (70th Republic Day )
Super power अमेरिका में एक महीने से shut down है। शायद उनके constitution में कोई कमी रह गयी थी। हमारा  पडोसी मुल्क पाकिस्तान अफ़सोस के  हमारे साथ साथ आज़ाद हुवा ,पिछले ७० सालों में हमारी democracy मज़बूत हुयी ,हम दिन ब दिन mature  हुवे ,पकिस्तान दिन ब दिन immature हुवा , अब तो पाकिस्तान को failed state के नाम से जाना जाने लगा है , शायद उन के constitution में बहुत बड़ी कमी रह गयी थी, । china में constitution नाम की कोई चीज़ नहीं ,लोग robot की तरह काम करते हैं। हमारे constitution को intellectuals ने बड़ी मेह्नत ,बड़ी काबिलियत से बनाया है। हम दुवायें  देते हैं Dr. आंबेडकर ,जवाहर लाल  नेहरू ,सरदार वल्लभ भाई पटेल ,अबुल कलम आज़ाद ,राजेंद्र प्रसाद को ,इतनी खूबसूरती से constitution  की बुनियाद रखी है। इसे न पूरी तरह से बदला जा सकता है, लोगों को मज़हब खाने पीने की आज़ादी है। कभी shut down नहीं होता ,ईमानदार अदालतें (courts )हैं। transparency इतनी के एक दिन में election हो कर दूसरे दिन result declare होजाते हैं। लोग पूरी दुनिया  से चुनाव प्रकिरिया सीखने  इंडिया आना चाहतें  हैं। Super power अमेरिका में आज भी ballet papers से चुनाव होते हैं, और result declare होने में कई कई दिन लग जाते हैं।
      इंदिरा नूयी को world bank का president बनाने की बात हो रही है ,कमला हारिस जो Indian origin की है american president ship के लिए nominate किया गया है। future हमारा है। इंडिया को कोई भी super power बनने से नहीं रोक सकता शर्त है हम सब मोहब्त से मिल कर रहे। मज़हब ,खाने पीने को बुनियाद बना कर एक दुसरे से नफरत न करे ,कोई भूक से न मरे ,हर हिंदुस्तानी को basic health facility मोहय्या (available ) हो। बेहतरीन एजुकेशन हर शहरी को नसीब हो। 

सोमवार, 21 जनवरी 2019

sharifuddin sayed urf (bachu Bahi)

                                   शरीफुद्दीन सय्यद उर्फ़ (बच्चू भाई )
ढूंढ उजड़े हुवे लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे शायद के खरबों में मिले
नवापुर की मशहूर हस्ती किसी तआरुफ़ (introduction ) की मुहताज नहीं ,माशाल्लाह उन के  नाम से  ही शराफत टपकती है। उम्र की ८० बहारें देख चुके हैं। अब भी लगता है, मानो उनेह समय के थरमस (thermos ) में क़ैद कर दिया गया हो। बक़ौल हमारे बड़े भाई डॉक्टर वासिफ  अहमद "बच्चू मॉमू अब भी वैसे ही दिखाई देते हैं जैसे पहले थे"। बच्चू मॉमू  बहुत हाज़िर जवाब ,कहते  देते हैं "चलो डॉक्टर से भी मुझे  अल्हम्दोलीलाह fitness certificate मिल गया "
        ६ फिट का कद (height ),दूध के जैसा सफ़ेद रंग ,चेहरे पर सब्ज़ नीलगूँ ऑंखें ,गूंजदार आवाज़ एक्टिंग line में गये  होते तो दिलीप कुमार को नहीं, अमिताभ बच्चन को शुहरत में ज़रूर पीछे छोड़ दिया होता। शाह वाजिहुद्दीन अहमदाबादी  के खान्दान से ताल्लुक़ रखते हैं। ज़िन्दा  दिल खुश मिज़ाज ,हलीम तबियत कभी उनेह ग़ुस्सा होते नहीं देखा। तालीम (education ) ज़ियादा हासिल नहीं कर पाये ,दुनिया के तजुर्बात ने  बहुत कुछ सीखा दिया । बच्चू  मॉमू से एक दिन मैं ने  सवाल किया था उनेह बच्चू की उर्फियत कैसे मिली, उनोह ने जवाब दिया "मरहूम हाजी मियां उनेह प्यार से बच्चा कहा करते थे "शायद लोगों ने बिगाड़ कर बच्चू कर दिया और अब सारी दुनिया में इसी नाम से जाने जाते हैं।
जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा
      बच्चू मॉमू ने मशाअल्लाह जिस काम में हाथ डाला कामयाब रहे।   भड़भूँजा,झामंजर ,साकरदा में दुकानें  खोली ,कामयाबी से चलायी। politics में कदम रखा तो लगतकर २० साल तक झामंजर के सरपंच रहे। ८ साल पंचायत समिति के मेंबर रहे और  उस area ,में जहा आदिवासियों का बोल बाला (वर्चस्व ) है। गवर्नमेंट से contract ले कर रोड्स बनायें ,हॉस्पिटल तामीर किये ,खेती बाड़ी की ,लकड़ों का business किया।
मुझे सहल हो गयी मंज़िलें वो हवा के रुख भी बदल गये
तेरा हाथ हाथ में आ गया के चिराग़ रह में जल गये
      १९६१ में हमारी मुमानी शमशाद बेगम से उन की जुगल बंदी माफ़ करना शादी हुवी २ साल बाद इंशाल्लाह उनकी कामयाब शादी शुदा ज़िन्दगी के ६० साल पुरे हो जायेंगे। दोनों ने मिल कर बच्चों की बेहतरीन तरबियत (training )  की। अच्छे खानदानों में शादियां करवाई ,इरफ़ान ,नुमान को अछि तरह बिज़नेस में सेट  करवा दिया। अब भी मॉमू मियां अपने आप को खेती बाड़ी में ,अच्छी किताबें पढ़ने में मसरुफ़ रखते है। दोस्तों का बहुत बड़ा ग्रुप है उन के साथ बैठ कर बचा कुचा वक़्त खुश गप्पियों  और पाबन्दी से वाकिंग करके गुजारते हैं। कई अरसा पहले आप के पर लग गये यानी पर नाना बन गये थे । उनेह उड़ते देखों तो ताज्जुब (आश्चर्य ) न करना।
   अपने बड़े भाई मरहूम ज़ैनुलआबेदीन उर्फ़ ( छोटू ) से उनेह बहुत मोहब्बत थी ,नवापुर में खेत ,बंगला छोटू मॉमूउन्ही की सलाह से खरीदा था।  शगुफ्ता और मुझसे  बच्चू मॉमू को  गहरी उनसियत है हमारे रिश्ते में  उनोहने ज़बरदस्त role play किया था जिस के लिए में हमेशा उन का शुक्र गुज़ार रहूँगा ।
क्या पता कल वो ज़माने के निसाबों में मिले
    इस ज़वाल पज़ीर दौर में लोग social media ,whatsup पर इतने busy है के बुज़र्गों के पास बैठने की फुर्सत नहीं ,न उनके तजुर्बात (experience ) से सीखने का शौक़ ,माशाल्लाह बच्चू मॉमू के अपने खानदान में आज भी उन का दबदबा वैसे ही क़ायम है। कोई भी काम उन के मश्वरे के बिना नहीं होता। और वो खुद भी अपनी तहज़ीब ,अपने बुज़र्गो अपनी रिवायतों के इतने पाबंद है के अपने पोते का नाम अपने दादा अब्दुल वाहिद के नाम  पर रखा ,मेडिकल स्टोर खोला उसे भी जमादार के नाम से मंसूब किया ।
    बच्चू मॉमू  सियासत( politics )से retire होगये हैं लेकिन अब भी स्वरुप सिंह नाईक  ,माणिक राव जैसे मारूफ लोग उन के मश्वरे के बिना कोई काम नहीं करते ,अब भी उनकी वैसी ही इज़्ज़त की जाती है। इरफ़ान ,नुमान के बाद अब वो उन की औलाद की तरबियत लगे हैं।
   अल्लाह से दुआ है के बच्चू मॉमू को तंदुरस्ती के साथ लम्बी उम्र मिले ,हमेशा खुश व खुर्रम रहे ,अपनी मुस्कराहटों ,खुश गोयी ,खुश अख़लाक़ी ,शफ़ाक़तों ,इनायतों ,महबतों  से दुनिया को गुल व गुलज़ार करते रहे आमीन  सुम्मा आमीन।