शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

बहुत जाना पहचाना अपना सुनील होनराव


 well known मारूफ शख्सियतें शाह रुख खान ,ब्रूसली ,वॉरगेसे कुरियन ,जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गाँधी ,विराट कोहली की पैदाइश नवंबर महीने में हुवी थी। दो और मशहूर नाम सुनील होनराव और नाचीज़ राग़िब अहमद भी इसी महीने में पैदा हुवे थे। 
सुनील होनराव से ग़ायबाना तआरुफ़ (introduction ) तो उन  की  free एम्बुलेंस सेवा की बिना पर था। नेरुल स्टेशन के करीब खड़ी इस एम्बुलेंस सेवा का लाभ हज़ारों  लोगों ने लिया है । मसरूर भाई  जो किसी ज़माने में सुनील के पार्टनर थे ,से भी उन की प्रशंषा कई बार सुन चूका था लेकिन मुलाकात का अवसर बहुत देर से मिला। उन् से मिल कर लगा 
ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे 
तू बहुत देर से मला है मुझे 
हुवा यूँ की वंडर पार्क में morning walk की इजाज़त मिलते ही नेरुल की गली कूचों में खाक छानने वाले छटे बदमाश एक जगे जमा हो गयें। इन में कुछ जाने पहचाने नाम हैं सुनील कूडेकर ,औसाफ़ उस्मानी ,मंसूर झठाम ,इमरान इनामदार, हरिश , इत्यादि और कुछ शरीफ़ तबियत जैसे राग़िब अहमद ,इश्तियाक़ खान ,राणे, प्रकाश  सोनावणे ,सुनील होनराव ,मुज़फ्फर। कई दिनों तक सुबह wonder park walking  में  होनराव अकेले अकेले घूमा करते थे ,हमारे group को देख कर मुस्करा दिया करते ,hi hallo होजाती। अचानक एक दिन वह हमारे group में एसे शामिल हुवे जैसे शक्कर दूध में घुल जाती है। group में नयी जान दौड़ गयी। हम सब को उन से मिल कर लगा 
जाने वो कैसे लोग थे जो मिल के एक बार 
नज़रों में जज़्ब हो गए दिल में उतर गए 
लुम्बा कद ,चेहरे पे हर वक़्त मुस्कुराती आँखें ,होनराव साहब नवी मुंबई बीजेपी के वाईस प्रेजिडेंट हैं लेकिन सादगी पसंद ,down to earth ,भाभी की मोहब्बत या पता नहीं डर से प्याज़ लहसन से भी परहेज़ है। लेकिन दोस्तों की हर महफ़िल में शामिल रहते हैं। शराब से मीलों दूरी। खुद non veg नहीं खातें दोस्तों को खिला कर खुश होतें हैं। गणपति के पंडाल में ९ दिन तक लोगों को अपने हातों से परोस कर उनकी सेवा देख कर दिल खुश हुवा। उनका बचपन मुंबई के कुम्भार वाड़े  में गुज़रा ,politics में अपने आप को प्रमोद महाजन का शिष्य बताते हैं। जवानी में सिर्फ एक इश्क़ अपने होने वाली बीवी से किया और उन के हो कर रह गए। उन की दस्ताने मोहब्बत सुननी हैं ,किसी दिन उन से आराम से सुनुगा और एक blog उस पर लिखूंगा। दोनों की मोहब्बत की निशानी एक अवलाद है जिसे बड़ी नाज़ नेमत से पाल कर बड़ा कर रहे है। जिन उसूलों पर अपनी ज़िन्दगी गुज़ारी है उसे भी इस में ढ़ालने की कोशिशों में लगे है। ऊपर वाले से प्रार्थना है उनेह सेहत ,तंदुरुस्ती मिले। ज़िन्दगी में ख़ूब सी progress हो। 

 
 
 

 

मंगलवार, 14 नवंबर 2017

ایک تیرا ساتھ



                           ایک تیرا ساتھ( قاسم چونا والا کی  شادی کےپچاس سال  مکمل ہونے پر)
طویل سی پچاس سالہ کامیاب زندگی ساتھ گزارنے پر دلی مبارکباد-آج عالم یہ ہے نوجوان شادی کی 50ویں دن ،50 وے مہینے کی سالگرہ مناتے ہیں خوش ہوتے ہیں پھر رشتوں میں وہ تازگی باقی نہیں رہتی-
    دبیئ میں قاسم بھایئ اور قمر بھابھی کے ساتھ ہم لوگوں نے چند ساعتیں گزاری تھی-دونوں نے اپنے رشتوں کی پرتیں کھولی تو ان کے شادی کے ابتدایئ زمانے کی کہانی معلوم ہویئ –قمر بھابھی نے شادی کے بعد مہاراشٹرا کالج سے گرجیوشن مکمل کیا-اس زمانے میں قاسم بھایئ نے ان کا مکمل ساتھ دیا-بھابھی کو ٹرام ،بس سے مہاراشٹرا کالج چھوڑنے ،لینے کے لیئے آتے تھے-بڑے مزے لے لے کے انہوں نے مجھے اپنی داستان محبت سنایئ تھی-اتفاقا" میں نے بھی مہاراشٹرا کالج سے گرجیوشن کیا ہوں لیکن بھابھی میرے اڈمیشن لینے سے پہلے ہی گرجیوشن کرچکی تھی-مہاراشٹرا  کالج کو اسٹابلش ہوکر 50 سال مکمل ہو چکے ہیں اس حساب سے بھابھی شاید پہلی بیچ سے تعلق رکھتی ہونگی-
کہانی میری روداد جہاں معلوم ہوتی ہے
جو سنتا ہے اسی کی داستاں معلوم ہوتی ہے
  قاسم بھایئ نے جس محنتوں اپنا بزنس سیٹ کیا،بچوں کو اچھی تعلیم دلوایئ –ان کی تعریف کیے بنا نہیں رہ سکتا-حالانکے قاسم بھایئ اورقمر بھابھی کی طبیتوں میں بڑا تضاد ہے-بھابھی نہایت مہذب،متین ،سنجیدہ،سلیقہ شعار،نرم گفتار ہے –کسی شاعر نے شاید انہیں کے لیئے کہا ہے
ان سے ضرور ملنا سلیقہ کے لوگ ہے
اور قاسم بھایئ زندہ دل ،اپنے  آپ کو نشانہ بنا کر لوگوں کو ہنساتے رہتے ہے-اور پھر جس طرح بھابی پر (تہذیب کے دایرے میں رہتے ہویے ) پر جملے کستے رہتے ہیں ایک لطف آجاتا ہے-
آج ولید ،قیصر نے آپ دونوں کی تربیت سے زندگی میں ایک مقام  حاصل کیا ہے-الحمدوللہ  اتنی کم عمرمیں خالد کے ختم  قرآن کا  سن کر دل باغ باغ ہوگیا-بڑا اعزاز ہے-جتنا فخر کیا جایے کم ہے-قاسم بھایئ ،بھابھی آپ نے جو اچھی باتیں اپنی اولاد کو سکھایئ ہے اس کا دایئرہ وسیع ہوتا جا رہا ہے-آپ دونوں مبارکباد کے مستحق ہے-
 ہندئوں میں خاص طور پر مہاراشٹرا میں شادی کے پچاس سال مکمل ہونے پر رشتہ کی تجدید کو جاتی ہے دوبارہ شادی کی جاتی ہے-اسلام اس کی اجازت نہیں دیتا-اللہ سے دعا گو ہوں آپ شادی کے 100 سال مکمل ہونے پر اسی طرح جشن کا ماحول برپا کرےتیسری شادی تک حیات رہے-بھابھی آپ کے  لیے ہمیشہ رشک قمر بنی رہے-قاسم بھایئ کسی شاعر نے آج کے پر آشوب دور کے لیے کہا ہے –
اتنی ارزاں تو نہ تھی درد کی دولت پہلے
جس طرف جایئے زخموں کے لگے ہیں انبار
یا
جسے بھی دیکھئے وہ اپنے آپ میں گم ہے
زباں ملی ہے مگر ہم زباں نہیں ملتا
اس دور میں جب ہر کویئ سٹریس لیے گھوم رہا ہے،پریشان حال ہے –آپ ہمیشہ محفلوں کو گل گلزار کر دتیے ہیں –لوگوں کے دکھ درد کم کرنے کی کوشش میں لگے رہتے ہو،لوگوں کے لبوں پر مسکراہٹ لانے کے لیے کوشاں رہتے ہو شاید اسی نسبت سے آپ کا نام قاسم معنی تقسیم کرنے والا رکھا گیا ہے-آپ  یہ ثواب  جاریہ جاری رکھے-آپ دونوں  کو موقع کی مناسبت سے ڈھیر ساری دعایئں نیک خواہشات-

बुधवार, 1 नवंबर 2017

एक तेरा साथ (शादी की गोल्डन जुब्ली )



हाफ सेंचुरी की लम्बी मुद्दत क़ासिम चूनावाला और क़मर भाभी ने साथ गुज़ारी , पचास साला शादी शुदा कामयाब ज़िन्दगी गुजरने पर हम सब की जानिब से दिली मुबारकबाद। आज आलम ये है नौजवान शादी की ५० वे दिन ५० वे महीने की सालगिरह मानते हैं फिर रिश्तों में वह ताज़गी बाक़ी नहीं रहती ,तल्खियां शुरू होजाती है।
    दुबई में क़ासिम भाई ,क़मर भाभी के साथ हम लोगों ने एक खूबसूरत शाम बिताई थी। आज तक उस शाम की यादें ज़हन में ताज़ा है। हंसी हंसी में दोनों ने अपनी ज़िन्दगी की मुख़्तसर रूदाद हम को सुना डाली थी । दोनों की कम उमरी में शादी हुवी थी। शादी के बाद  क़मर भाभी ने महराष्ट्र कॉलेज से graduation किया। उस ज़माने में क़ासिम भाई ने उन का पूरी तरह साथ दिया। भाभी को ट्राम ,बस से कॉलेज छोड़ने ,लेने के लिए आते थे। क़ासिम भाई ने  अपनी दास्ताने मोहब्बत बड़े मज़े ले ले के सुनाई थी। महाराष्ट्र कॉलेज से में ने भी graduation किया हूँ। कॉलेज को establish हो कर पचास साल पुरे होरहे है इस हिसाब से क़मर भाभी शायद पहली बैच की student रही होंगी।
कहानी मेरी रउदादे जहाँ मालूम होती है
जो सुनता है उसी की दास्ताँन  मालूम होती है
क़ासिम भाई ने बहुत मेंहनत से अपना बिज़नेस सेट किया ,बच्चों को अछि तालीम दिलवाई। उन की तारीफ़ किये बिना नहीं रह सकता। हालांकि क़ासिम भाई और क़मर भाभी की तबीअतों में बड़ा तज़ाद है। भाभी निहायत संजीदा ,मोहज़्ज़ब ,सलीका शार ,नर्म गुफ़्तार है। किसी शायर ने उनिह के लिए कहा है।
उन से ज़रूर मिलना सलीक़े के लोग हैं।
और क़ासिम भाई ज़िंदा दिल ,अपने आप को निशाँना बना कर लोगो को हसांते रहते हैं। और फिर  भाभी पर (तहज़ीब के दायरे में रहते हुवे )जुमले कस्ते रहते है लुत्फ़ आजाता है।
  आज वलीद, कैसर ,तनवीर ने आप लोगों की तरबियत से ज़िन्दगी एक मक़ाम हासिल किया है। अल्हम्दोलीलाह इतनी कम उम्र में खालिद के ख़त्म क़ुरान का सुन कर दिल बाग़ बाग़ होगया। बड़ा ऐज़ाज़ है जितना फ़ख्र किया जाए काम है। क़ासिम भाई ,भाबी जो बातें आप लोगों ने अपनी औलाद को सिखाई है इस का दायरा वसीअ होता जा रहा है। आप दोनों मुबारकबाद के मुस्तहिक़ है।
 महराष्ट्रियनस  में शादी के पचास साल मुकम्मिल होने पर रिश्ते की तजदीद की जाती है। दोबारा शादी की जाती है। अल्लाह से दुआगो हूँ आप शादी के १०० साल मुक्कमिल होने पर इसी तरह का जश्न बरपा करे तीसरी शादी तक हयात रहे। क़ासिम भाई, भाभी आप के लिए हमेशा रश्के क़मर बानी रहे। किसी शायर ने आज के पुर आशूब दौर के लिए कहा है।
अतनी अरज़ां तो न थी दर्द की दौलत पहले
जिस तरफ जाइये ज़ख्मों के लगे हैं अम्बार
या
जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है
ज़बान मिली है मगर हम ज़ुबान नहीं मिलता
 इस दौर में जब हर कोई stress लिए घूम रहा है, परेशान हाल है क़ासिम भाई आप महफ़िलों को गुले गुलज़ार कर देते हो। लोगो के दुःख दर्द कम करने की कोशिशों लगे रहते हो ,लोगों के लबों पर मुस्कराहट लेन  के लिए कोशां रहते हो शायद इसी मुनासिबत से आप का नाम क़ासिम तक़सीम करने वाला रखा गया है। आप अपना ये सवाबे जारिया जारी रखें।
  आप दोनों की सेहत तंदुरुस्ती। तवील उम्र के लिए दुआ नेक ख्वाहिशात।