गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024

salgirah mubarak

गुड इवनिंग नमस्ते 
ये तो एक रस्मे जहाँ है जो अदा होती है 
वरना सूरज की कहाँ सालगिरह होती है 
आज में आप सब  के सामने हमारी दो ब्यूटीफुल लेडीज के बर्थ डे की मुबारकबाद देती हूँ। और थोड़ा सा कुछ में ने अपने दिल के जज़्बात पेश करने की कोशिश की हूँ। उसे में आप के सामने पढ़ कर सुनाती हूँ। जब में ने पहली बार चंद्र कला ऑन्टी को देखा उसी वक़्त मेरे दिल में एक अच्छी सी फीलिंग आयी। बाद में हम बार बार मिलने लगे और में उनके बारे में और उनके नेचर के बारे में जानने लगी। तू मुझे बहुत ख़ुशी हुयी। सब से खुश दिली से मिलना ,सब की बात सुनना और हमेशा मुस्कुराते रहना ये उनका सवभाव है। अब जब भी में गार्डन आती हूँ तो में तम्मना करती हूँ के आज ऑन्टी गार्डन में ज़रूर हो। अगर वो किसी दिन नहीं होती मुझे थोड़ी मायूसी होती। 
       अब दूसरी गुप्ता ऑन्टी ,के बारे में जितना जानती हूँ ,वह भी बहुत अच्छे सवभाव की है ,और अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देती है। और दोनों लेडीज अभी भी कितनी ब्यूटीफुल लगती है। दोनों में दोस्ती भी बहुत है।
        ऊपर वाला उनकी जोड़ी सलामत रखे ,और दोनों को हमेशा हँसता मुस्कुराता रखे। दोनों बहुत पॉजिटिव नेचर की हैं। हमें उनसे बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है। उनका हाथ हमारे सर पर हमेशा बना रहे।  अब में इस शेर के साथ यहीं पर ख़त्म करती हूँ 
            तुम जियो हज़ारो साल 
             साल के दिन हो पचास हाज़र 
शगुफ्ता शेख़