मेरे घर आयी एक नन्हीं परी
अलहम्दोलीलाह २६ मार्च २०२४ मंगल के रोज़ सिदृरा मुक़म्मल एक साल की होजएंगी। बड़ी दुआओं मन्नतो के बाद हमारी ज़िन्दगी में आयी है और हम सब की ज़िन्दगी में बहार की तरह दाखिल होगयी है। हम सब को गुल व गुलज़ार कर दिया है। २६ मार्च २०२३ , हिजरी ४ रमजान १४४४ सिदरा की पैदाइश का दिन है।
इतना तो ज़िन्दगी में किसीका खलल पड़े
एक साल में माशाल्लाह बड़ी तब्दीलियां उस में आयी है। लेटे लेटे हाथ पाओ मारा करती थी। फिर बैठने लगी। माशाल्लाह अब तेज़ी से बैठे बैठे मुड़ती भी है रेंगती भी है। सलाम करना सीख गयी है। मोमिना की तरह सजदा करती है। कुत्ता, बिल्ली गाय की आवाज़ भी निकालने लगी है। बड़ी साबिर तबियत पायी है। पैदाइश के कुछ महीनों के बाद कनाडा से हिदुस्तान का हवाई सफर किया। और १० महीने की उम्र में फिर ,हिंदुस्तान से कनाडा का लम्बा सफर किया।
जहाँ रहे वो खैरियत के साथ रहे
उठाये हाथ तो ये एक दुआ याद आयी
पहली सालगिरह पर हम नाना नानी उस की हिंदुस्तान में ना मौजूदगी पर कमी महसूस कर रहे हैं। लेकिन दिल से दुआ है के अल्लाह उसे हमेशा तंदुरुस्त ,हँसता खेलता, मुस्कुराता रखे , अल्लाह सिदृरा को लम्बी उम्र अता करे। दुःख ,तकलीफ की परछाई भी उसको छू कर न गुज़रे। आमीन
आमीन सुम्मा आमीन
पापा ,मम्मी को दिल की गहराइयों से सिदृरा की पहली सालगिरह पर मुबारकबाद।