शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

Modern day Hatim Tai









मॉडर्न डे हातिम ताई



उसे नहीं अभी अपने कद का अंदाजा
वो आसमान है मगर सर झुका  के चलता है

मैं एक एैसे शख्स की बात कर रहा हूँ जिसमें हिंदुस्तानी संस्कृति की झलक दिखाई पड़ती है।  दर्दमंद दिल, लोगों को दावत पर बुला कर, खिला पिला कर खुश हो लेने का जज़्बा, हमारे मंसूर झेटाम, इश्तेयाक खान , औसाफ़ उस्मानी, सुनील हॉनराव, सुनील कूड़ेकर, हामिद ख़ानजायादा , इमरान इनामदार और फ़ारूकूज़्ज़मान साहेब में अक्सर इस बात पर डिस्कशन होती है कि ये एैसा शख्स है जो १०० लोगों की दावत करता है, लेकिन इस  में इतनी बरकत होजाती है कि १५० लोगों के दावत का मज़ा लेने के बाद भी खाना बच जाता है। आप लोग समझ गए होंगे मैं जिस हस्ती का ज़िक्र कर रहा हूँ उसे लोग "कमल मल्होत्रा " के नाम से जानते हैं।

हातिम ताई मुस्लिम हिस्ट्री में एक एैसा मशहूर शख्स गुज़रा है जिस से ज़यादा मेहमान नवाज़ शायद ही कोई हुआ हो। इसीलिए हमारे कमल भाई को मैं ने मॉडर्न डे हातिम ताई के ख़िताब से नवाजा है। दुनिया अगर एक हाथ से देती है , तो दूसरे हाथ से लेने के लिए तैयार रहती है। हर काम के पीछे कोई मक़सद होता है। कमल मल्होत्रा दोनों हाथों से देतें हैं ,किसी मक़सद के बग़ैर।" नेकी कर और भुल जा " कहावत उन पर फिट आती है।

मशहूर उर्दू शायर ग़ालिब ने कमल साहब जैसे लोगों के लिए कहा है

सताईश की तमन्ना सिले की परवाह
(आइ एम नॉट बॉदर्ड अबाउट प्रेज़ नॉर आइ एक्सपेक्ट एनी रिवॉर्ड)

कुछ महीनों पहले कमल मल्होत्रा ने नेरुल में जगह जगह प्रोग्राम करके एन एम एम सी सफाई कर्मचारियों  को इनामात से नवाजा। कौन भला आज के ज़माने में इन लोगों को याद करता है।  ईद के मौके पर नमाज़ बाद तमाम मुस्लिम भाईयों  को फूल ,मिठाई और कोल्ड ड्रिंक्स अपने हाथों से डिसट्रिब्यूट किये। नवरात्रि हो ,के होली, के दिवाली, के लोहड़ी,  के गणपति ये सिलसिला उन की जानिब से चलता रहता है। और वह हर जगह मौजूद होतें है। कुछ लोग उन्हें किसी पोलिटिकल पार्टी से जुड़ा हुआ समझते हैं और कुछ लोग इलेक्शन लड़ने की तैयारी का नाम देते है। हम जानते हैं वह ये काम दिल से ,बिना किसी लालच के करते हैं। हम सब के दिलों में उन की बहुत इज़्ज़त है। उन का एक उसूल है " खुलूस ,खुलूस, खुलूस " 

किसी शायर ने कहा है,
वह उनका काम है अहले सियासत जानें
मेरा पयाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे

कमल साहब ईसी तरह महफ़िलें जमाते रहें। आप भले ही नॉन वेज नहीं खाते हों लेकिन अपने नॉन वेज जोक्स से महफ़िल को लोट पोट ज़रूर कर देते हैं ,और आप के ठुमकों के क्या कहने।  आप की तंदुरस्ती लंबी उम्र के लिए हम सब दुआ करतें हैं।



Written By,
Janab Raghib Ahmed Shaikh