फूलों को बहार मुबारक हो ,किसानों को खलयान मुबारक हो
परिंदों को उड़ान मुबारक हो ,चाँद को सितारें मुबारक हो
आप सब को रमज़ान मुबारक हो
गये १७ सालों से मरकज़ इ फलाह नेरुल और नवी मुंबई पुलिस के ताल मेल से इफ्तार का कामयाब प्रोग्राम आयोजित होता रहा है। इस बार भी आप लोगों ने इफ्तार प्रोग्राम में शामिल होकर ,प्रोग्रम की रौनक बढ़ायी आप सब का बहुत शुक्रिया। इस प्रोग्रम की खासियत रही है के, सभी जात धर्म के लोग बड़े उत्साह से इस में शामिल होतें हैं। और प्रोगाम को काफी सराहा (appreciate ) भी जाता है। हमारा मक़सद है मोहब्बत ,भाई चारगी (brotherhood ) का पैगाम सब तक पहुंचे। आज भी आप लोगों ने नोट किया ही होंगा की हमारा स्टेज चाँद सितारों की तरह सजा हुवा है। गंगा जमनी संस्कृति का नमूना बना हुवा है। पंडित भी है ,pastor भी है ,गुरुदवारे के प्रबंधक भी है ,जमा मस्जिद नेरुल के presidentभी है। मानो एक फूलों से सजा गुलदस्ता हो ,मोहब्बत की लड़ी में पुराई माला हो ,जिस से हॉल महक गया है।
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा।
रमज़ान इस्लामी हिजरी कैलेंडर का ९ वां महीना होता है जिसमें मुस्लिम बन्धुओं को महीना भर रोज़े रखना होतें हैं। रोज़ा इस्लाम के ५ पिल्लर्स में से एक पिलर है। रोज़ा आँख का भी होता है के ग़लत बात न देखे ,कान का भी होता है के ग़लत बात न सुने ,हातों पैरों का भी होता है के ग़लत काम न करें। पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ला लाहों सल्लम) ने कहा के अगर एक बात भी छूटे तो रोज़े का सवाब (reward ) नहीं मिलेगां। रोज़े के कई दूसरे फायदे भी है ,रोज़ा ग़रीबों के दुःख दर्द भूक का एहसास सीखता है , रोज़े से self control आता है के किसी चीज़ का ग़ुलाम नहीं होसकते जैसे ग़ुस्सा ,ड्रग्स ,तम्बाकू शराब वगैरे वगैरे। modern studies से पता चला है की रोज़े के ज़रिये blood pressure ,obesity ,diabetics कंट्रोल भी किया जा सकता है। रमजान में दूसरा अमल ज़कात की तक्सीम ,२.५ % ज़कात मालदारों को माल से निकाल कर ग़रीबों में बांटनी होती हैं ताकि कोई ग़रीब ईद की खुशयों से बचा न रह सके।
लेकिन मुस्लिम भाइयों से अपील है ,दरखास्त है के रोज़े,ज़कात ,रमजान,नमाज़ का हमें उसी वक़्त फायदा मिलेगा जब हम पूरे महीने नहीं बल्कि तमाम ज़िन्दगी इन उसूलों पर अमल करें। रमज़ान को आदत बन ले।
ज़िन्दगी को रमजान बना लो
तो मौत ईद जैसी होंगी
आप सब को ईद की advance मुबारकबाद
ज़िन्दगी का हर पल खुशयों से काम न हो
आप का हर दिन ईद के दिन से काम न हो
परिंदों को उड़ान मुबारक हो ,चाँद को सितारें मुबारक हो
आप सब को रमज़ान मुबारक हो
गये १७ सालों से मरकज़ इ फलाह नेरुल और नवी मुंबई पुलिस के ताल मेल से इफ्तार का कामयाब प्रोग्राम आयोजित होता रहा है। इस बार भी आप लोगों ने इफ्तार प्रोग्राम में शामिल होकर ,प्रोग्रम की रौनक बढ़ायी आप सब का बहुत शुक्रिया। इस प्रोग्रम की खासियत रही है के, सभी जात धर्म के लोग बड़े उत्साह से इस में शामिल होतें हैं। और प्रोगाम को काफी सराहा (appreciate ) भी जाता है। हमारा मक़सद है मोहब्बत ,भाई चारगी (brotherhood ) का पैगाम सब तक पहुंचे। आज भी आप लोगों ने नोट किया ही होंगा की हमारा स्टेज चाँद सितारों की तरह सजा हुवा है। गंगा जमनी संस्कृति का नमूना बना हुवा है। पंडित भी है ,pastor भी है ,गुरुदवारे के प्रबंधक भी है ,जमा मस्जिद नेरुल के presidentभी है। मानो एक फूलों से सजा गुलदस्ता हो ,मोहब्बत की लड़ी में पुराई माला हो ,जिस से हॉल महक गया है।
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा।
रमज़ान इस्लामी हिजरी कैलेंडर का ९ वां महीना होता है जिसमें मुस्लिम बन्धुओं को महीना भर रोज़े रखना होतें हैं। रोज़ा इस्लाम के ५ पिल्लर्स में से एक पिलर है। रोज़ा आँख का भी होता है के ग़लत बात न देखे ,कान का भी होता है के ग़लत बात न सुने ,हातों पैरों का भी होता है के ग़लत काम न करें। पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ला लाहों सल्लम) ने कहा के अगर एक बात भी छूटे तो रोज़े का सवाब (reward ) नहीं मिलेगां। रोज़े के कई दूसरे फायदे भी है ,रोज़ा ग़रीबों के दुःख दर्द भूक का एहसास सीखता है , रोज़े से self control आता है के किसी चीज़ का ग़ुलाम नहीं होसकते जैसे ग़ुस्सा ,ड्रग्स ,तम्बाकू शराब वगैरे वगैरे। modern studies से पता चला है की रोज़े के ज़रिये blood pressure ,obesity ,diabetics कंट्रोल भी किया जा सकता है। रमजान में दूसरा अमल ज़कात की तक्सीम ,२.५ % ज़कात मालदारों को माल से निकाल कर ग़रीबों में बांटनी होती हैं ताकि कोई ग़रीब ईद की खुशयों से बचा न रह सके।
लेकिन मुस्लिम भाइयों से अपील है ,दरखास्त है के रोज़े,ज़कात ,रमजान,नमाज़ का हमें उसी वक़्त फायदा मिलेगा जब हम पूरे महीने नहीं बल्कि तमाम ज़िन्दगी इन उसूलों पर अमल करें। रमज़ान को आदत बन ले।
ज़िन्दगी को रमजान बना लो
तो मौत ईद जैसी होंगी
आप सब को ईद की advance मुबारकबाद
ज़िन्दगी का हर पल खुशयों से काम न हो
आप का हर दिन ईद के दिन से काम न हो