मंगलवार, 22 अगस्त 2017

What an idea sir

७० वे यौमे आज़ादी के औसर पर दिली मुबारकबाद। दुआ है ये मुल्क फ़ले फुले ,दुनिया में सब से ऊंचा मुक़ाम हासिल हो।
     याद रखिये दूसरों पर उठाने पर हमारी अपनी तीन उंगलियां हम्मारी जानिब उठी होती है। कुछ पॉजिटिव कीजिये। कुछ ऐसे नारे होते हैं एक इन्किलाब बरपा करदेते हैं। टीपू सुल्तान ने कहा था "शेर की एक दिन की ज़िन्दगी लोमड़ी की सौ साला ज़िन्दगी से बेहतर है "  ,सुभाष चंद्र बोस ने नारा दिया "तुम मुझे खून दो में तुम्हे आज़ादी दूंगा। गाँधी जी ग़रीब ,दलित ,पिछड़े वर्ग और elite ,हिन्दू ,मुस्लिम को जुड़ने के लिए आवाज़ दी थी "हम सब एक है "आज़ादी हासिल करने में इन नारों की बहुत अहमियत रही है।
   हमारे प्रधान मंत्री मोदी जी ने आवाज़ लगायी " स्वच्छ भारत "तमाम गवर्नमेंट मशीनरी ,मिनिस्टर , अफसर और आम जनता इस नारे से जुड़ गयी। सब झाड़ू लेकर सफाई में जुट गएँ। सब लोगों को अहसास दिलाया जा रहा है खुली जगह पर टॉइलट करना कितना बुरा होता है। सलाम करता हूँ अफ़रोज़ शाह को जिनोह ने इस नारे पर अमल कर के अपनी टीम बनायीं और versava beach से गन्दगी दूर की। सारी दुनिया में उन की तारीफ़ हो रही है। उनेह awards दिए जा रहे है। सलाम करता हूँ "टॉयलेट एक प्रेम कथा " फिल्म बनाने वाली टीम को जिनोह ने हिम्मत जूटा कर इस subject पर सोचा।
  हम सब मिल कर कोशिश करें के मुल्क से ग़रीबी , भूक मरी ,बीमारी दूर हो। मुल्क में जहालत की जगह तालीम की रौशनी फैले।
  हिन्दुस्तान ज़िंदाबाद , जय हिन्द